भरतपुर जिला दर्शन/ भरतपुर जिला Rajasthan G.K in Hindi/ Bhartpur District G.K in Hindi
भरतपुर की मानचित्र स्थिति – 26°22′ से 27°17′ उत्तरी अक्षांश से 76°53′ से 78°17′ पूर्वी देशान्तार।
भरतपुर के पूर्व में हरियाणा, उत्तर प्रदेश (आगरा व मथुरा), पश्चिम में करौली, दौसा तथा अलवर, उत्तर में हरियाणा (गुडगांव) तथा दक्षिण में धौलपुर है।
भरतपुर में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 7 हैं, जो निम्न हैं –
1. कामां 2. नगर
3. डीग-कुम्हेर 4. भरतपुर
5. नदबई 6. वैर
7. बयाना
2011 की जनगणना के अनुसार भरतपुर की जनसंख्या के आंकड़े –
कुल जनसंख्या—25,48,462 पुरुष—13,55,726
लिंगानुपात—880 जनसंख्या घनत्व—503
साक्षरता दर—70.1% पुरुष साक्षरता—84.1%
महिला साक्षरता—54.2%
भरतपुर में कुल पशुधन – 12,69,415
पशुघनत्व – 251
- भरतपुर जिले को राजस्थान के 4 जिले - अलवर, दौसा, करौली, धौलपुर स्पर्श करते है।
- पूर्व में उत्तर प्रदेश से लगती है।
- भरतपुर जिले की सीमा उत्तर में हरियाणा से लगती है।
- पश्चिम में दोसा, करौली व अलवर जिलों से लगती है।
- दक्षिण में धौलपुर व करौली से लगती है।
- 4 जून, 2005 को भरतपुर राजस्थान राज्य का नवीनतम सातवां संभाग बना तथा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में शामिल राज्य का दूसरा जिला है।
भरतपुर जिले के प्रमुख मेले -
- बजरंग पशु मेला - यह मेला भरतपुर जिले के उच्चैन में आषाढ़ कृष्णा 2 से 8 तक भरता है।
- गरुड़ मेला - यह मेला भरतपुर जिले के बंशी पहाड़पुर में कार्तिक शुक्ल 3 को भरता है।
- जवाहर प्रदर्शनी व बृज यात्रा मेला - यह मेला भरतपुर जिले के डीग में मार्गशीर्ष कृष्णा 12 से शुक्ल 5 तक भरता है।
- गंगा दशहरा मेला - यह मेला भरतपुर जिले के कामां क्षेत्र में ज्येष्ठ शुक्ल 7 से 12 तक भरता है।
- बसंती पशु मेला - यह मेला भरतपुर जिले के रूपवास में माघ कृष्णा 15 से सुदी 8 तक भरता है।
- जसवंत पशु मेला - यह मेला भरतपुर जिले में मार्गशीर्ष शुक्ल 5 से 15 तक भरता है।
- बृज महोत्सव - यह महोत्सव भरतपुर/डीग में फरवरी माह में आयोजित होता है।
- भोजन बारी/भोजन थाली परिक्रमा - यह मेला भरतपुर जिले के कामां क्षेत्र में भाद्रपद शुक्ल 5 को आयोजित होता है।
भरतपुर जिले के दर्शनीय स्थल -
- केवलादेव घना पक्षी अभ्यारण्य - विश्व प्रसिद्ध पक्षी अभ्यारण्य जो 'साइबेरियन सारस' के लिए प्रसिद्ध है। 1982 में इसे राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। यूनेस्को की विश्व प्राकृतिक धरोहर सूची में 1985 में शामिल।
- जवाहर बुर्ज - भरतपुर किले के उत्तर-पश्चिम पार्श्व में जवाहर बुर्ज वह ऐतिहासिक स्थल है जहाँ से जवाहर सिंह ने दिल्ली पर चढ़ाई के लिए कूच किया था। दिल्ली विजय (मुगलों पर) की याद को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए उन्होंने 1765 में किले में इसी स्थल पर एक विजय स्तम्भ बनवाया था।
- वैर - वैर कस्बे की स्थापना प्रतापसिंह ने 1726 ई. में की थी। वैर बाग-बगीचों का कस्बा कहलाता है। फुलवाड़ी महल, नौलखा बाग, प्रताप फुलवारी, वैर का किला, ऊँटाला का किला आदि यहाँ के दर्शनीय स्थल हैं। इसे भरतपुर जिले की लघुकाशी भी कहते हैं।
- रूपवास - मुगल सम्राट अकबर द्वारा बनाए गए फतेहपुर सीकरी के समीप होने से रूपवास का क्षेत्र अकबर की आखेट स्थली के रूप में काफी प्रसिद्ध रहा है । यहाँ अकबर के मृगया महल दर्शनीय हैं । यहाँ निकट ही खानवा की प्रसिद्ध युद्ध स्थली भी स्थित है।
- कामां - काम्यक वन, कदम्ब वन और कामवन के नाम से पौराणिक ग्रंथों में वर्णित कामां को प्राचीनकाल में ब्रह्मपुर के नाम से भी संबोधित किया जाता था। यहाँ पुष्टि मार्गीय बल्लभ संप्रदाय की दो पीठ स्थापित हैं। प्रथम गोकुल चन्द्रजी एवं द्वितीय मदन मोहन जी का प्रसिद्ध मंदिर।
- बयाना - पुराणों में बयाना के निकट के पर्वतीय अंचल को शोणितगिरी तथा बयाना नगर को शोणितपुर कहा गया है। इसका प्राचीन नाम 'श्रीपंथ' था। बयाना की ख्याति इसके पास स्थित अनगिनत कब्रगाहों के कारण भी रही है। अतः इसे कब्रगाहों का शहर भी कहते हैं । मध्यकाल में यह क्षेत्र अनेकानेक ऐतिहासिक युद्धों का केन्द्र स्थल रहा है। इसमें दिवंगत हुए मुसलमान यौद्धाओं की सैकड़ों मजारें आज भी बोते युग की एक विरासत के रूप में विद्यमान हैं।
- डीग - डीग भरतपुर की प्राचीन राजधानी रहा है। यह कस्बा भव्य जल महलों के लिए प्रसिद्ध है। इसमें प्रमुख हैं - सूरज भवन, गोपाल भवन, नंद भवन, हरिदेव भवन, किशन भवन, केशव भवन व सावणभादों। गोपाल महल गोपाल सागर झील में स्थित है। ये कठोर बलुआ पत्थर से निर्मित्त हैं। इनमें काले पत्थर का झूलेनुमा शाहजहाँ का सिंहासन है। डीग को जलमहलों की नगरी कहते हैं। अधिकांश महल बंशी पहाड़पुर के बादामी रंग के बलुई पत्थर से सन् 1755-1763 के बीच महाराजा सूरजमल एवं जवाहरसिंह द्वारा बनाये गये है। गोपाल भवन 1780 में बनाया गया था।
- लोहागढ़ किला - राजा सूरजमल जाट द्वारा 1733 ई. में निर्मित्त भीमकाय भरतपुर दुर्ग जिसके चारों ओर पानी की चौड़ी खाई। इसमें सुजान गंगा नहर द्वारा मोती झील का पानी आता है।
- बयाना दुर्ग - यादव राजवंश के महाराजा विजयपाल ने यह दुर्ग मानी (दमदमा) पहाड़ी पर 1040 ई.के लगभग बनवाया था। बयाना दुर्ग के भीतर लाल पत्थरों से बनी भीम लाट है। इसे विष्णुवर्द्धन ने बनवाया था। यहाँ इब्राहीम लोदी द्वारा बनवाई गई लोदी मीनार भी है। इस दुर्ग को बाणासुर का किला, बादशाह दुर्ग एवं विजयगढ़ भी कहते हैं । इसी दुर्ग में महाराजा सूरजमल का राज्याभिषेक हुआ था। बयाना को कब्रगाहों का शहर कहते हैं।
- सीकरी बांध - भरतपुर के इस बाँध से रूपारेल नदी के बाढ़ के पानी से होने वाली तबाही से बचाव किया जाता है।
- नगला जहाज - इस गाँव में ग्वालों के रक्षक व पालनहार लोकदेवता देव बाबा का मंदिर (थान) है।
- खानवा, भरतपुर - गंभीर नदी के शांत तट पर स्थित खानवा भरतपुर से लगभग 32 किमी पूर्व में रूपवास तहसील में है। यहाँ बाबर एवं मेवाड़ के महाराणा सांगा के मध्य 17 मार्च, सन् 1527 को महासमर (खानवा का युद्ध) हुआ था। जिसमें बाबर विजयी हुआ तथा भारत में मुगल साम्राज्य स्थाई हो गया। यहीं पर बलराम रेवती तथा चक्रधर दो भुजावाले विष्णु की विशाल मूर्तियाँ भी विराजमान हैं।
भरतपुर जिले के प्रमुख मंदिर -
- जामा मस्जिद - कौमी एकता की दूसरी यादगार इमारत जामा मस्जिद है जिसका निर्माण कार्य महाराजा बलवंत सिंह ने प्रारम्भ किया। यह मस्जिद लाल पत्थर की बनी हुई है। जामा मस्जिद का प्रवेश द्वार फतेहपुर सीकरी के बुलन्द दरवाजे के नक्शे पर बनवाया गया है।
- गंगा मंदिर - यह मंदिर बंसी पहाड़पुर के लाल पत्थरों से निर्मित्त है। यह मंदिर भरतपुर रियासत के शासक महाराजा बलवंत सिंह ने 1846 ई. में बनवाना प्रारंभ किया था। इस बारहदरीनुमा गंगा मंदिर की दो मंजिला इमारत चौरासी खम्बों पर टिकी हुई है। मंदिर में गंगा मैया के वाहन मगरमच्छ की विशाल मूर्ति विराजमान है।मंदिर की इमारत का सामने का हिस्सा मुगल शैली पर तथा पीछे की तरफ का हिस्सा बौद्ध शैली में निर्मित्त प्रतीत होता है। इसके पश्चात् इस इमारत में 12 फरवरी, 1937 को महाराजा बलवंत सिंह के वंशज महाराज ब्रजेन्द्र सिंह ने गंगा की सुन्दर मूर्ति प्रतिष्ठित करवाई।। इस मूर्ति का मुँह किले के चौबुर्जा द्वार की तरफ उत्तर दिशा में है जिससे महाराजा व महारानी गंगा जी के दर्शन अपने महलों से भी कर सकते थे।
- लक्ष्मण मंदिर - शहर के बीचों बीच स्थित लक्ष्मण मंदिर का निर्माण महाराजा बलदेव सिंह ने प्रारंभ किया था, जिसे महाराजा बलवंत सिंह जी ने पूर्ण करवाया।
- ऊषा मंदिर(बयाना) - भगवान श्रीकृष्ण के पौत्र अनिरुद्ध की पत्नी के नाम पर कन्नौज के महाराजा महीपाल की रानी चित्रलेखा ने सन् 956 में बयाना में ऊषा मंदिर का निर्माण करवाया था। बाद में मुस्लिम आक्रमणकारियों ने इसे तुड़वाकर उषा मस्जिद का रूप दे दिया।
- भरतपुर जिले की जीवन रेखा किस नदी को कहा जाता है - रूपारेल नदी
- बाणगंगा नदी के उपनाम क्या है : अर्जुन की गंगा एवं ताला नदी
- भरतपुर के राजवंश की कुलदेवी का क्या नाम है - राजेश्वरी माता
- भरतपुर के राजाओं का राज्य अभिषेक समारोह कहां होता था - जवाहर बुर्ज (लोहागढ़ दुर्ग)
- राजस्थान की प्रथम सहकारी बैंक कहां स्थापित की गई - डीग (भरतपुर) में 1986 में स्थापित की गई
- राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र कहां स्थित है - सेवर, भरतपुर में
- राष्ट्रीय सरसों अनुसंधान केंद्र की स्थापना कब की गई - 20 अक्टूबर 1993 ईस्वी को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा सेवर (भरतपुर) में की गई
- लालदास जी संप्रदाय की प्रधान पीठ कहां स्थित है - नगला (भरतपुर) में
- राजस्थान में सौर ऊर्जा चालित मिल्क चिलिंग प्लांट कहां स्थित है - भरतपुर में
- गुलाबी संगमरमर कहां से प्राप्त होता है - भरतपुर से
- ब्रज महोत्सव कहां आयोजित होता है - फरवरी माह में भरतपुर में आयोजित होता है
- डीग महोत्सव कहां आयोजित होता है - कृष्ण जन्माष्टमी को भरतपुर में आयोजित होता है।
- राजस्थान में जैव उर्वरक का प्रथम सहकारी कारखाना किस जिले में स्थित है - भरतपुर में।
- मुर्रा नस्ल की भैंस का केंद्र कहां स्थित है - कुम्हेर (भरतपुर) में।
- सांसी जनजाति सर्वाधिक किस जिले में पाई जाती है - भरतपुर में।
- भरतपुर के प्रमुख बांध कौन से हैं - सीकरी बांध, अजान बांध, शाही बांध, बंध बरेठा बांध।
- सिमको वेगन फैक्ट्री कहां स्थित है - भरतपुर में।
- होली के अवसर पर बम नित्य कहां आयोजित होते हैं - अलवर एवं भरतपुर जिला में।
Good question
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