धौलपुर जिला दर्शन (राजस्थान के जिले)
Dholpur District GK in Hindi / Dholpur Jila Darshan
- रेड डायमंड, कोठी, राजस्थान का पूर्वी प्रवेश द्वार, राजस्थान में सर्वप्रथम सूर्योदय का शहर, राजस्थान का सबसे पूर्वी जिला, राजस्थान में सर्वप्रथम सूर्यास्त का शहर, धवलपुरी/धौलागिरी (धौलपुर के प्राचीन नाम )
धौलपुर जिले के बारे मैं --
- धौलपुर जिले का क्षेत्रफल कितना है : 3034 वर्ग किलोमीटर।
- धोलपुर की अक्षांशीय स्थिति : 26 डिग्री 22 मिनट उत्तरी अक्षांश से 27 डिग्री 50 मिनट उत्तरी अक्षांश तक।
- धौलपुर की देशांतर स्थिति : 76 डिग्री 53 मिनट पूर्वी देशांतर से 78 डिग्री 16 मिनट पूर्वी देशांतर तक।
धौलपुर जिले में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या 4 है, जो निम्न है →
1. बसेड़ी 2. बाड़ी
3. धौलपुर 4. राजाखेड़ा
धौलपुर जिले में उपखण्डों की संख्या – 4
धौलपुर जिले में तहसीलों की संख्या – 5
धौलपुर जिले में उपतहसीलों की संख्या – 3
धौलपुर जिले में ग्राम पंचायतों की संख्या – 153
सन् 2011 की जनगणना के अनुसार धौलपुर जिले की जनसंख्या के आंकड़ें →
कुल जनसंख्या—12,06,519 पुरुष—6,53,647
स्त्री—5,52,869 दशकीय वृद्धि दर—22.7%
लिंगानुपात—846 जनसंख्या घनत्व—398
साक्षरता दर—69.1% पुरुष साक्षरता—81.2%
महिला साक्षरता—54.7%
धौलपुर जिले का पशुधन--
धौलपुर जिले के प्रमुख मेले एवं मंदिर --
- तीर्थराज का मेला : यह मिला मंचकुंड धौलपुर में भादवा सुदी अष्टमी को भरता है।
- सैपऊ महादेव का मेला : यह मेला सैपऊ धौलपुर में फाल्गुन तथा श्रावण मास की चतुर्दशी को भरता है।
- सेपऊ महादेव मंदिर धौलपुर में है।
- शिव मन्दिर:- धौलपुर के बाड़ी कस्बे से कुछ दूरी पर सोने का गुर्जा नामक स्थान पर अशोक कालीन शिव मन्दिर है,
- राधा बिहारी मन्दिर – धौलपुर पैलेस के समीप स्थित इस मंदिर के पास धौलपुर राजपरिवार के सदस्यों की छतरियाँ है।
धौलपुर जिले के बारे मैं विशेष परिचय --
दिल्ली का लालकिला धौलपुर के लाल पत्थरो से बना है।
मेवाती व रथ नस्ल की गाय अलवर, भरतपुर व धौलपुर मे पायी जाती है।
मेवाती को कोठी नाम से जाना जाता है।
यह राज्य का एकमात्र नैरोगेज वाला जिला है।
यहां का खानपुर महल शाहजहां की आरामगाह कहलाता है।
यहां राज्य का दुसरा मिल्ट्री स्कुल है। पहला स्कुल अजमेर में है।
15 अप्रेल 1982 मे भरतपुर से अलग होकर यह राज्य का 27वां जिला बना।
यहां के सेपउ मे सेपउ महादेव मंदिर है।
धौलपुर कांच उद्योग के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त स्थान है।
चम्बल नदी धौलपुर की सीमा पर बहती है।
2011 में सबसे कम लिंगानुपात व सबसे कम ग्रामीण लिंगानुपात इसी जिले का है।
यहां का एकमात्र मुख्य खनिज इमारती पत्थर है।
धौलपुर के नींबु बहुत प्रसिद्ध है।
धौलपुर के वन्य जीव अभयारण →
वन विहार – की स्थापना-1965 में हुई तथा राम सागर – की स्थापना-1955 में हुई थी। इन दोनों अभयारण्यों में रीछ, हिरण, नीलगाय, बारहसिंघा, जरख और भेड़िया आदि वन्य जीव पाये जाते हैं।
केसरबाग-बाड़ी, धौलपुर-उदयभान सिंह का निवास स्थान।
चम्बल राष्ट्रीय घड़ियाल अभयारण्य राजस्थान, उत्तरप्रदेश तथा मध्यप्रदेश की सीमाओं में होने के कारण संयुक्त रूप से संचालित है।
धौलपुर के ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल →
शेरगढ़ का किला – इसका उपनाम-‘दक्षिण/दक्खिन का द्वारगढ़’ है। शेरगढ़ दुर्ग चंबल नदी के किनारे मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश की सीमाओं के किनारे स्थित गिरि दुर्ग है। इसका निर्माण तीन हजार वर्ष पूर्व कुषाण वंश के शासक मालदेव ने करवाया था। 11वीं शताब्दी में पालवंश के धोरपाल अथवा देवीपाल ने इस दुर्ग का पुननिर्माण करवाया। बाद में शेरशाह सूरी ने 1540 ई. इसका जीर्णोद्धार करवाया। शेरशाह ने इसका नाम शेरगढ़ रखा। शेरशाह के गुरु मीर सैयद की मजार इसी दुर्ग में है। ग्वालियर जाते समय अकबर ने एक रात इसी दुर्ग में गुजारी थी। इस दुर्ग में 19 फीट लम्बी हुनहुंकार तोप थी, जिसका निर्माण कीरतसिंह ने करवाया । वर्तमान में यह इंदिरा पार्क में रखी गई है। ध्यान रहे – शेरगढ़ दुर्ग के नाम से एक किला बारां जिले में भी है।
बाड़ी का किला – इस किले का निर्माण 1444 ई. में हुआ था। इस किले से सम्बद्ध फारसी में लिखित शिलालेख के अनुसार इस किले में हुमायूं के समय से बाद के समय तक की अनेक मस्जिदें व मकबरे हैं।
निहाल टॉवर (घण्टाघर) – धौलपुर के घण्टाघर को निहाल टॉवर के नाम से जाना जाता है। इसका निर्माण निहाल सिंह ने 1880 ई. प्रारम्भ करवाया एवम् 1910 ई. में रामसिंह के काल में पूर्ण हुआ। यह टावर आठ मंजिला है। आठवीं मंजिल पर मात्र छतरी है। इस घण्टे की घड़ी का निर्माण इंग्लैण्ड की कम्पमनी मैसर्स जिलेट जॉनसन क्रोपडॉन द्वारा किया गया।
मंचकुण्ड – तीर्थराज पुष्कर को जहां समस्त तीर्थ स्थलों का मामा कहा जाता है। वहीं धौलपुर के मचकुण्ड को ‘तीर्थों का भान्जा’ कहा जाता है। यहां प्रतिवर्ष भादों सुदी छठ (6) को मेला लगता है। श्रद्धालुओं की मान्यता है कि इस तालाब में स्नान करने से चर्म रोग का निवारण होता है। इसका वैज्ञानिक पक्ष यह है कि मचकुण्ड में बरसात के दिनों में पहाड़ों से आया पानी एकत्रित होता है, जिसमें गंधक तथा अन्य रसायन मिले होते है, जो चर्म रोगों को ठीक करने में सहायक माने जाते है।
शेरशिकार गुरुद्वारा – सिक्खों के छठे गुरु हरगोविन्द सिंह 1662 ई. में ग्वालियर जाते समय यहां ठहरे थे। उन्होंने मंचकुण्ड के समीप एक शेर की गर्दन को तलवार के एक ही झटके से धड़ से अलग कर दिया। उनकी स्मृति में यह गुरुद्वारा बनाया गया।
राधा बिहारी मन्दिर – धौलपुर पैलेस के समीप स्थित इस मंदिर के पास धौलपुर राजपरिवार के सदस्यों की छतरियाँ है।
सेपऊ महादेव मंदिर धौलपुर में है।
सोने का गुर्जा – धौलपुर के बाड़ी कस्बे से कुछ दूरी पर सोने का गुर्जा नामक स्थान पर अशोक कालीन शिव मन्दिर है, इसके समीप एक गढ़ भी है, जिसे देवहंस गढ़ी के नाम से जाना जाता है।
कमल के फूल का बाग – मचकुण्ड तीर्थ स्थल के नजदीक ही कमल के फूल का बाग है। चट्टान काटकर बनाये गये कमल के फूल के आकार में बने इस बाग का ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है। भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत सीनेटर डेनियन मोनिहन की पत्नी ने 1978 में खोजपूर्ण शोध में यह रहस्योद्घाटन किया था कि प्रथम मुगलबादशाह बाबर की आत्मकथा तुजुक-ए-बाबरी (बाबरनामा) में जिस कमल के बाग का वर्णन है वह धौलपुर में है।
तोप है। इसे तोप को सीताराम कारीगर ने बनाया था। इस तोप का वजन 14 सो मन14सेर 14 छटांक है इस तोप से 14 सेर का गोला फेंक सकते है। इस तोप की लंबाई 19 फीट है।
- राजस्थान में न्यूनतम सड़कों वाला जिला कौन सा है - धौलपुर।
- राजस्थान में न्यूनतम पशु संपदा वाला जिला कौन सा है - धौलपुर।
- राजस्थान का सबसे बड़ा घंटाघर निहाल टावर किस जिले में स्थित है - धौलपुर जिले में।
- राजस्थान का प्रथम multi-product सेज किस जिले में है - धौलपुर में।
- राजस्थान में न्यूनतम लिंगानुपात वाला जिला कौन सा है - धौलपुर।
- दी हाई टेक्निकल प्रिसिजन ग्लास वर्क्स किस जिले में स्थित है - धौलपुर जिले में।
- बदावरी/भदावरी भैंस वंश राजस्थान के किन जिलों में पाई जाती है - धौलपुर एवं भरतपुर जिला में।
- बाबू महाराज का मेला किस जिले में भरता है - धौलपुर में।
- बीबी जरीना का मकबरा कहां स्थित है - धोलपुर में।
- सोने का गुर्जा कहां स्थित है - धोलपुर में।
- भेंट खयाल किस जिले की प्रसिद्ध है - धौलपुर की।
- शेर शिकार गुरुद्वारा किस जिले में स्थित है - धौलपुर में।
- राजस्थान के किस जिले की सीमा उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश दोनों राज्यों को स्पर्श करती है - धौलपुर जिले की सीमा।
- राजस्थान के सबसे पूर्व में स्थित गांव कौन सा है - सिलाना गांव, राजाखेड़ा तहसील (धौलपुर जिले का) है।
- धौलपुर प्रजामंडल की स्थापना किसने की - धौलपुर प्रजामंडल की स्थापना कृष्ण दत्त पालीवाल एवं ज्वाला प्रसाद जिज्ञासु द्वारा 1936 ईस्वी में की गई।
- बाड़ी का युद्ध कब हुआ - 1518-19 ईसवी में राणा सांगा एवं लोदी के मध्य हुआ जिसमें राणा सांगा विजय हुआ।
- तमंचाशाही सिक्के किस रियासत ने चलाए - धौलपुर रियासत में।
Good Question
ReplyDeleteAmzing
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