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Wednesday, March 24, 2021

हनुमानगढ़ जिला दर्शन (राजस्‍थान के जिले) Hanumangarh District GK in Hindi / Hanumangarh Jila Darshan

 हनुमानगढ़ जिला दर्शन (राजस्‍थान के जिले)

Hanumangarh District GK in Hindi / Hanumangarh Jila Darshan


हनुमानगढ़ का ऐतिहासिक विवरण 

यादवों के वंशज भट्टी के पुत्र  भूपत (जैसलमेर के भाटी वंशीय शासक) ने 285 ई.में भटनेर किले का निर्माण घग्घर नदी के बाएं तट पर  करवाकर‘भटनेर’ पर अपना शासन कायम किया।

सन् 1805 ई. बीकानेर के शासक सूरत सिंह ने भाटियों को हराकर पुन: ‘भटनेर’ पर अपना आधिपत्य कायम किया। विजय के दिन मंगलवार था इसलिए हनुमानजी के नाम पर भटनेर का नाम हनुमानगढ़ रखा गया।

प्राचीन काल में योद्धेय क्षेत्र के उपनाम से प्रसिद्ध राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले से मिश्र सभ्यता एवं सिंधु सभ्यता से भी पूर्व की पूर्व हड़प्पा सभ्यता तथा हड़प्पा कालीन सभ्यता के अवशेष कालीबंगा में उत्खनन में प्राप्त हुए हैं।

Note-यहां से विश्व के प्राचीनतम जूते हुए खेत के साक्ष्य, लकड़ी की नाली,शल्य चिकित्सा एवं भूकंप के साक्ष्य मिले हैं।

राजस्थान का 31वाँ जिला हनुमानगढ़ 12 जुलाई, 1994 को श्री गंगानगर से पृथक करके बनाया गया।

हनुमानगढ़ के उपनाम/प्राचीन नाम—

1- फलों की टोकरी
2- भटनेर (प्राचीन नाम)
3- योद्धा क्षेत्र (प्राचीन नाम)

मानचित्र में स्थिति एवं विस्तार—

अक्षांशीय स्थिति : 29 डिग्री 5 मिनट उत्तरी अक्षांश से 30 डिग्री 6 मिनट उत्तरी अक्षांश तक।

देशांतरीय स्थिति : 74 डिग्री 3 मिनट पूर्वी देशांतर से 75 डिग्री 3 मिनट पूर्वी देशांतर तक।

हनुमानगढ़ का भौगोलिक परिचय 

हनुमानगढ़ जिले का क्षेत्रफल – 9656.09 वर्ग किलोमीटर है।

नगरीय क्षेत्रफल – 69.86 वर्ग किलोमीटर

ग्रामीण क्षेत्रफल – 9586.14 वर्ग किलोमीटर

हनुमानगढ़ जिले की सीमा पंजाब व हरियाणा दो राज्यों से लगती है।

हनुमानगढ़ जिले में कुल वनक्षेत्र – 241.23 वर्ग किलोमीटर

हनुमानगढ़ जिले में कुल विधानसभा क्षेत्रों की संख्‍या 5 हैं, जो निम्‍न है –

1. संगरिया, 2. हनुमानगढ़, 3. पीलीबंगा, 4. नोहर  5. भादरा

वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार हनुमानगढ़ जिलें की जनसंख्‍या के आंकड़ें –

कुल जनसंख्या—17,74,69

पुरुष—9,31,184

स्त्री—8,43,508

दशकीय वृद्धि दर—16.9%

लिंगानुपात—906

जनसंख्या—184

साक्षरता दर—68.37%

पुरुष साक्षरता—77.4%

महिला साक्षरता—55.8%

हनुमानगढ़ जिले की नदियाँ –

घग्घर नदी-आंतरिक प्रवाह की सबसे लम्बी नदी, प्राचीन नाम-सरस्वती, मृत नदी, नट नदी, पाट, सोतर, नाली। इसे ‘राजस्थान का शोक’ कहते हैं। पाकिस्तान में यह ‘हकरा’ कहलाती है। उद्गम-हिमाचल प्रदेश की शिवालिक पवर्तमाला की कालका की पहाड़ी से राजस्थान में हनुमानगढ़ में टिब्बी तहसील के तलवाड़ा गाँव में प्रवेश। इसका अंतिम गन्तव्य स्थान-फोर्ट अब्बास (पाकिस्तान) है। तलवाड़ा झील का निर्माण घग्घर नदी से ही होता है, यह राजस्थान की सबसे नीचाई पर स्थित झील है। घग्‍घर नदी के अन्‍य विवरण के लिये श्रीगंगानगर जिला दर्शन देखें।

हनुमानगढ़ जिलें की अन्य जल परियोजनाएँ—

राजीव गांधी सिद्धमुख – नोहर सिंचाई परियोजना सिद्धमुख नोहर सिंचाई परियोजना के अंतर्गत राजस्‍थान को रावी – व्‍यास नदियों से प्राप्‍त जल में से 0.47 एम.ए.एफ. पानी मिलता है। राजीव गाँधी सिद्ध मुख नहर का शुभांरभ 5 अक्टूबर 1989 को भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी द्वारा भिरानी गाँव (हनुमानगढ़) में किया गया। इस परियोजना का प्रारंभ यूरोपियन आर्थिक समुदाय के आर्थिक सहयोग से किया गया था। इस परियोजना का लोकार्पण 12 जुलाई, 2002 को सोनिया गाँधी द्वारा भिरानी गाँव में किया गया। इस परियोजना की कुल लागत 268.29 करोड़ रुपये आई थी।

राजीव गांधी सिद्धमुख – नोहर सिंचाई नहर में पानी भाखडा नांगल हैड़वर्क्‍स से भाखड़ा मुख्‍य नहर, पंजाब राज्‍य से गुजरते हुए फतेहबाद शाखा व किशनगढ़ उपशाखा, हरियाणा के समानांतर नहर द्वारा लाया गया था। इस परियोजना से हनुमानगढ़ व चुरू को पेयजल एवं संचाई सुविधा उपलब्‍ध हो रही है।

गंधेली (नोहर) साहवा लिफ्ट नहर – यह इंदिरा गांधी नहर परियोजना की लिफ्ट नहर है, जिसका वर्तमान नाम चौधरी कुम्भाराम लिफ्ट नहर (हनुमानगढ़, चुरू, झुंझुनू)। गंधेली-साहवा लिफ्ट नहर (भाखड़ा नहर) से हनुमानगढ़ को सिंचाई सुविधा प्राप्त कराती है। इसी नहर पर आपणी योजना के द्वारा हनुमानगढ़, चूरू, झुन्झुनू को पेयजल सुविधा प्रदान की गई है।

हनुमानगढ़ जिले के प्रमुख मेले--

गोगामेडी का मेला : यह मेला लोक देवता गोगाजी के जन्मदिन के अवसर पर गोगामेड़ी, हनुमानगढ़ में भाद्रपद कृष्णा नवमी पर एक माह का मेला लगता है। इसमें पशुओं का क्रय-विक्रय भी होता है।

ब्राह्मणी माता का मेला : यह मेला प्रत्येक माह के शुक्ल अष्टमी को लगता है।

भद्रकाली मेला : यह मेला हनुमानगढ़ में प्रतिवर्ष चैत्र सुदी अष्टमी एवं नवमी को भरता है।

शिला माता मेला : यह मेला हनुमानगढ़ में भरता है इसमें शीला पर नमक मिलाकर पानी चढ़ाया जाता।

हनुमानगढ़ में प्राचीन सभ्‍यता –

कालीबंगा सभ्यता – शाब्दिक अर्थ-‘काले रंग की चूड़ियाँ’। खोज-1951-52 में अमलानन्द घोष, उत्खनन कार्य-1961-62 में बृजवाली लाल व बालकृष्ण थापड़।

इसका समय-2300 ई.पू. से 1750 ई.पू. (सी-14 रेडियो प्रणाली के अनुसार)

कालीबंगा एक त्रिस्तरीय, कांस्ययुगीन, मातृसत्तात्मक, एकल परिवार प्रणाली तथा नगरीय सभ्यता थी।

कालीबंगा एकमात्र ऐसा स्थान जहाँ लकड़ी की नालियाँ थी।

इस सभ्‍यता में प्रथम बार शल्य चिकित्सा की जानकारी। कालीबंगा की लिपि-बुस्तोफीदन अभी तक पढ़ी नहीं गई है। काली बंगा की लिपि को भावचित्रातमक लिपि भी कहते है। प्रथम बार बलि देने की जानकारी यहीं से मिलती है। कालीबंगा सिन्धु घाटी सभ्यता की तीसरी राजधानी थी। कालीबंगा स्वतन्त्र भारत में खोजा गया प्रथम पुरातात्विक स्थल है।

पीलीबंगा—हनुमानगढ़, यहाँ से ईंटों का कुँआ मिला है।

रंगमहल सभ्यता-डॉ. हन्नरिड़ के नेतृत्व में खुदाई।

भादरा, हनुमानगढ़-भादरा के करनपुरा में 8 जनवरी, 2013 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को 4500 वर्ष पुराना मानव कंकाल मिला।

हनुमानगढ़ के ऐतिहासिक एवं दर्शनीय स्‍थल –

भटनेर दुर्ग – उपनाम-बांकागढ़, उत्तरी सीमा का प्रहरी। इसका निर्माण 288 ई. में भूपत ने करवाया। इस दुर्ग का शिल्पी कैकेया था। यह राजस्थान का सबसे प्राचीन दुर्ग है। इसका पुनर्निर्माण 12वीं सदी में अभयराव ने करवाया। तैमूर लंग के आक्रमण के दौरान यहाँ भारत का सबसे बड़ा कत्लेआम हुआ। इस दुर्ग में हिन्दु महिलाओं के साथ मुस्लिम महिलाओं ने भी जौहर किया था। शेरखाँ की कब्र इसमें है। गोरखनाथ मन्दिर भी इसी दुर्ग में है।

तैमूर के ग्रन्थ ‘तुजुक ए तैमूरी’ के अनुसार ”मैंने इतना मजबूत व सुरक्षित किला पूरे हिन्दुस्तान में नहीं देखा।”

Note-- सर्वाधिक विदेशी आक्रमणों को झेलने वाला दुर्ग-भटनेर दुर्ग।


हनुमानगढ़ जिले के प्रश्नोत्तर/ Hanumangarh jila darshan G.K Questions

स्वामी केशवानंद स्मारक संग्रहालय किस जिले में स्थित है - हनुमानगढ़ जिले में 

सिंधु घाटी सभ्यता की तीसरी राजधानी किस सभ्यता को कहा जाता है - कालीबंगा सभ्यता को 

कालीबंगा सभ्यता की खोज किसने की - अमलानंद घोष ने
 
कालीबंगा सभ्यता के उपनाम क्या है - कांस्य युगीन सभ्यता, नगरीय सभ्यता, हड़प्पा कालीन सभ्यता, प्राक हड़प्पाकालीन सभ्यता, आद्य ऐतिहासिक सभ्यता, पश्च हड़प्पा कालीन सभ्यता।

हनुमानगढ़ का हरियाणा के निकट का क्षेत्र क्या कहलाता है - राठ क्षेत्र।

इंदिरा गांधी नहर राजस्थान में कहां से प्रवेश करती है - मसीता वाली हेड हनुमानगढ़ से।

गुरुद्वारा सुखासिंह महताबसिंह किस जिले में स्थित है - हनुमानगढ़ जिले में।

कबूतर साहिब गुरुद्वारा किस जिले में स्थित है - नोहर, हनुमानगढ़ में।

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