जिला दर्शन गंगानगर
➠प्राचीन नाम - रामु जाट की ढाणी, रामनगर।
➠उपनाम - अन्न का कटोरा, बागानो की भूमि, राजस्थान का अन्नागार, राज्य में फलो की नगरी
➠स्थापना - 23 अक्टूबर 1927
➠संस्थापक - महाराजा गंगासिंह
➠उपनाम - अन्न का कटोरा, बागानो की भूमि, राजस्थान का अन्नागार, राज्य में फलो की नगरी
➠स्थापना - 23 अक्टूबर 1927
➠संस्थापक - महाराजा गंगासिंह
महत्पूर्ण बाते
श्रीगगानगर जिले को राजस्थान का अनागार कहा जाता है।
श्रीगंगानगर जिले का क्षेत्रफल 10978 वर्ग किलोमीटर है।
श्रीगंगानर जिले के दक्षिण में चूरू एवं बीकानेर उत्तर पश्चिम में पाकिस्तान का बहावलपुर जिला तथा उत्तर पूर्व में हनुमानगढ जिला है।
श्रीगंगानगर जिले ओसत ऊंचाई समुद्रतल से 168 से 227 मीटर के मध्य हैं।
राजस्थान के सबसे उत्तर में कोंणा गांव, गंगा नगर तहसील, गंगानगर जिला है।
श्रीगंगानगर जिले की अंतर्राष्ट्रीय अंतरराज्यीय दोनों प्रकार की सीमाएं लगती है। गंगानगर की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पाकिस्तान के साथ दो सौ दस किलोमीटर लगती है। अंतरराष्ट्रीय सीमा की शुरुआत श्रीगंगानगर जिले के हिंदूमल कोट से होती है। गंगानगर की अंतर्राज्य सीमा पंजाब के साथ लगती है। अंतरराष्ट्रीय सीमा जोकि रेडक्लिफ के नाम से जानी जाती है। इस रेखा पर राज्य का सबसे नजदीकी जिला मुख्यालय गंगा नगर है।
श्रीगंगानगर जिले में विधानसभा क्षेत्रों की संख्या छ है
श्रीगंगानगर जिले का ऐतिहासिक विवरण
जोधपुर के निर्माता राव जोधा के पुत्र राव बिका ने चौदह सौ अट्ठासी में बीकानेर की स्थापना कि राव बिका के उपरांत राव लूणकरण ने बीकानेर पर राज किया। लूणकरण के पुत्र जरसिंह ने बीकानेर राज्य की सीमाओं को बढाने के लिए अनेक युद्ध किए। वीर और निर्भिक राजपूत शासको के साहसपूर्ण प्रयत्नों से पंद्रह शताब्दी में एक नए राज्य का निर्माण किया गया। वर्तमान में गंगानगर जिले के नाम से ज्ञात यह भूभाग भूतपूर्व बीकानेर की रियासत का भाग रहा है। प्राचीन समय में यह रामनगर नामक एक ग्राम था जो जो बीकानेर रियासत का एक भाग था राजस्थान एकीकरण में 30 मार्च 1949 को इसे जिले का रूप दिया गया एवं इसका नाम श्रीगंगानगर रख दिया गया।
श्रीगंगानगर जिले की नदिया एव जलस्त्रोत
घगर नदी - घगर नदी का उद्गम हिमाचल प्रदेश के कालका शिमला के पास शिवालिक की पहाडियों से होता है यह पोराणिक काल में सरस्वती नदी की सहायक नदी थी। राजस्थान में इस नदी का प्रवेश हनुमानगढ जिले कि टिब्बी तहसील के तलवाडा गांव के पास से होता है तथा भटनेर के पास विलुप्त हो जाती है आर्थात घगर नदी राजस्थान के अंतप्रवाह वाली नदी है लेकिन वर्षा ऋतू में इस नदी में बाढ आने पर इसका पानी गंगानगर में सूरतगढ व अनूपगढ तक पहुँच जाता है तथा कई बार अत्यधिक बाढ़ आने पर इसका पानी पाकिस्तान के बहावलपुर जिले में फोर्ड अब्बास तल चला जाता है। गंगानगर में घगर नदी के अलावा अन्य कोई नदी नहीं है यह राजस्थान की एकमात्र अंतरराष्ट्रीय नदी है। यह नदी प्राचीन सरस्वती नदी के पेटे में बहती है इस को मृत नदी के नाम से भी जाना जाता है। राजस्थान में इस नदी के क्षेत्र को नाली भी कहा जाता है। जब वर्षा ऋतू में घगर नदी में बाढ आती है तो यह चावल की फसल को अत्यधिक नुकसान पहुंचाती है। घगर नदी का पेटा आस पास के धरातल से भी ऊंचा है इसलिए वर्षा ऋतू में इसमें
अक्सर बाढ आ जाती है
गंगनहर परियोजना - बीकानेर के महाराजा गंगासिंह ने पांच सितंबर उन्नीस सौ इक्कीस को हुसेनिवाला फिरोजपुर पंजाब में सतलज नदी पर गंगनहर की स्थापना कि छब्बीस अक्टूबर उन्नीस सौ सत्ताईस को लोड इरविन ने सिंगपुर हेड गंगानगर पर गंगनहर का उद्घाटन किया। गंगनहर परियोजना के कारण ही महाराजा गंगासिंह को बिकाने का भागीरथ तथा राजस्थान का भागीरथ कहा जाता है तथा गंगासिंह को आधुनिक भारत का भागीरथ के नाम से भी जाना जाता है। जिस दिन गंगनहर का उद्घाटन हुआ था उसी दिन से रामनगर का नाम भी श्रीगंगानगर रख दिया। यह नहर विश्व की सबसे प्राचीन पक्की नहर है। यह राजस्थान की प्रथम व्रहद सिंचाई परियोजना है। गंगनहर गंगानगर जिले की जीवन रेखा कहलाती है।
लूनकरणसर लिफ्ट नहर - यह इंदिरा गांधी नहर की लिफ्ट नहर है।
इसका नया नाम कँवर सेन लिफ्ट नहर है।
इंदिरा गांधी नहर की यह सबसे बडी लिफ्ट नहर है इससे
गंगानगर बीकानेर को सिंचाई सुविधा उपलब्ध होती है।
इन्दिरा गांधी नहर की दो सखाए गंगानगर में हैं जिनमें से एक है सूरतगढ
सका तथा दूसरी है अनूपगढ शाखा।
श्रीगंगानगर के एतिहासिक एवं दर्शनीय स्थल
गुरुद्वारा बुड्ढा जोहड- राजस्थान के इस सुप्रसिद्ध गुरूद्वारे का निर्माण संत फतहसिंह ने 1954 में करवाया। इसे राजस्थान का स्वर्ण मंदिर कहते हैं यहाँ सावन की अमावस्या को मेला भरता है। यह राजस्थान का सबसे बडा गुरुद्वारा है।
डाडा पम्पाराम का डेरा - यह विजयनगर में है। यह स्थल पम्पाराम जी की समाधि का स्थल है इनकी स्मृति में यहाँ प्रतिवर्ष फाल्गुन माह में सात दिवसीय मेला लगता है।
श्रीगंगानगर जिले के अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- राजस्थान में कृषित क्षेत्र की दृष्टि से सर्वाधिक सिंचित क्षेत्र की तो वह श्रीगंगानगर जिले का क्षेत्र है श्रीगंगानगर में पच्चीस किसम के अन उत्पादित होने के कारण इसे राजस्थान का अन्नागार तथा धान का कटोरा या अन्न भंडार भीकहते हैं। एशिया का सबसे बडा केंद्रीय कृषि फार्म सूरतगढ में है जिसकी स्थापना 15 अगस्त 1956 में रूस की सहायता से की गई थी। इसके अलावा जेतसर कृषि फार्म भी गंगानगर जिले में है
- राजस्थान में समग्र फल उत्पादन की दृष्टि से सर्वाधिक फल गंगानगर में उत्पादित होते हैं।
- राजस्थान में सबसे अधिक कृषि मंडियां श्रीगंगानगर में है।
- किन्नू की मंडी श्रीगंगानगर में लगती है।
- राठी गाय शोध केंद्र अनूपगढ श्रीगंगानगर में है।
- नाली किसम की भेडे श्रीगंगानगर में है।
श्रीगंगानगर के प्रसिद्ध व्यक्तित्व
कर्नल अवतार सिंह चीमा - अर्जुन पुरस्कार विजेता अवतारसिंह प्रथम भारतीय माउंट एवरेस्ट विजेता है।मीनाक्षी आहूजा - दो हजार सात आठ में सुमनेश जोशी पुरस्कार मिला था
महरदीन - इन्हें रुस्तम ए हिंद, भारत भीम और भारत केसरी का खिताब हासिल है। ये श्रींगंगानगर के निवासी थे
जगजीत सिंह - प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह का जन्म उन्नीस सौ इकतालीस इस्वी में श्रीगंगानगर में हुआ। इन्हें दो हजार तीन में पद्मविभूषण से नवाजा गया। दस अक्टूबर दो हजार ग्यारह को इनका निधन हो गया।
केजरीवाल आयोग - ग्यारह फरवरी दो हजार पांच को राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश आर एस केजरीवाल की अध्यक्षता में घडसाना में हुए गोलीकांड की जांच हेतु आयोग गठित किया गया था।
मायड भाषा सम्मान यात्रा - श्रीगंगानगर से दिल्ली के लिए इक्कीस फरवरी दो हजार पांच को यह यात्रा राजस्थानी भाषा को राजकीय भाषा की मान्यता दिलाने हेतु प्रारम्भ हुई।
- श्रीगंगानगर में राज्य का प्रथम निजी आयुर्वेदिक महाविद्यालय स्थित है। श्री जगदंबा अंधविद्यालय विकलांग शिक्षा के लिए अनुकरणीय संस्था है जोकि श्रीगंगानगर में स्थित है।
- राजस्थान में सिख धर्म के लोग श्रीगंगानगर में ही सर्वाधिक निवास करते हैं।
द गंगानगर सुगर मिल - राज्य की दूसरी एवं सार्वजनिक क्षेत्र की प्रथम चीनी मिल की स्थापना गंगानगर में की गई। एक जुलाई उन्नीस सौ छप्पन को इसे सार्वजनिक क्षेत्र की मिल घोषित किया गया। यहाँ गन्ने की साथ चुकुन्दर से भी चीनी बनाने का कार्य प्रारम्भ किया गया। इस मील में गन्ने के सोरे से शराब बनाने का कार्य भी किया जाता है। प्रारंभ में इसका नाम बीकानेर इंडस्ट्रियल कोर्पोरेट लिमिटेड बीकानेर था। जिसे सरकार द्वारा नियंत्रन में लेने के बाद नाम बदलकर गंगानगर सुगर मिल्स लिमिटेड कर दिया गया। राजस्थान में सर्वाधिक एल्कोहोल गंगानगर से ही प्राप्त होता है।
- राज्य का पहला बायोमास आधारित संयंत्र पदमपुर गंगानगर में बनाया गया।
सूरतगढ थर्मल पावर स्टेशन - यह राज्य का प्रथम सुपर थर्मल पावर स्टेशन है। यह ठुकराना गांव सूरतगढ गंगानगर में स्थापित किया गया है। इससे राज्य को सर्वाधिक विद्युत की आपूर्ति लगभग पंद्रह सौ मेगावाट होती है। इसे राजस्थान का आधुनिक तीर्थ स्थल भी कहते हैं।
- राज्य में सर्वाधिक कृषिगत ओजार गजसिंहपुर गंगानगर में बनते हैं।
- पंजाबी भाषा अकादमी गंगानगर में खोली जानी है।
- राज्य का तीसरा एग्रो फ़ूड पार्क गंगानगर में है।
Ganganagar the best District
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