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राजस्थान समान्य ज्ञान प्रश्नोत्तरी

Saturday, March 20, 2021

बीकानेर जिला दर्शन bikaner jila darshan

 बीकानेर जिला दर्शन


बीकानेर जिले का सामान्य परिचय

  • जोधपुर नरेश राव जोधा के पुत्र राव बीकानेर 1465 ईस्वी में जंगलप्रदेश के विभिन्न छोटे-छोटे इलाकों को करणी माता के आशीर्वाद से जीतकर इस क्षेत्र में राठौड़ राजवंश के शासन की शुरुआत की थी एवं बीकानेर रियासत की स्थापना की थी।
  • 1858 ईसवी में  राव बीका ने बीकानेर शहर बसाकर अपनी इसे राजधानी बनाया था।
  •  बीकानेर जिले के उपनाम/प्राचीन नाम : राती घाटी, जांगल प्रदेश, ऊन का घर, ऊंटों का देश।
  • 30 मार्च 1949 को बीकानेर रियासत का राजस्थान में विलय हो गया था।
  • बीकानेर जिले का क्षेत्रफल कितना है : 27244 वर्ग किलोमीटर।
  •  बीकानेर की अक्षांशीय स्थिति : 27 डिग्री 11 मिनट उत्तरी अक्षांश से 29 डिग्री 3 मिनट उत्तरी अक्षांश तक।
  •  बीकानेर की देशांतरीय स्थिति : 71 डिग्री 54 मिनट पूर्वी देशांतर से 74 डिग्री 22 मिनट पूर्वी देशांतर तक।
  •  बीकानेर जिले में कुल कितने विधानसभा क्षेत्र हैं : 7


बीकानेर जिले के प्रमुख मेले और त्यौहार

 निर्जला ग्यारस मेला : यह मेला बीकानेर के लक्ष्मीनाथ मंदिर में ज्येष्ठ सुदी ग्यारस को भरता है।
 भट्टापीर का उर्स : यह बीकानेर के गजनेर में भादवा सुदी 8-10 को भरता है।
 नागणेशी माता का मेला : यह मेला बीकानेर में नवरात्रों के अवसर पर भरता है।
 भेरू जी का मेला : यह मेला बीकानेर के कोडमदेसर क्षेत्र में भादवा सुदी तेरस को भरता है।
 करणी माता का मेला : यह मेला बीकानेर के देशनोक में नवरात्रा (कार्तिक एवं चैत्र माह) में भरता है।
 कपिल मुनि का मेला : यह मेला श्री कोलायत जी में कार्तिक पूर्णिमा को भरता है।
 चनणी चेरी मेला : इसे सेवकों का मेला भी कहा जाता है। यह देशनोक बीकानेर में फाल्गुन सुदी सप्तमी को भरता है।

बीकानेर के प्रमुख मंदिर

  • करणी माता का मंदिर (देशनोक, बीकानेर)
  • मुकाम-तालवा (नोखा, बीकानेर)
  • श्री कोलायत जी
  • भांडासर के जैन मंदिर
  • हेरंब गणपति मंदिर


बीकानेर के पर्यटन स्थल

  • जूनागढ़ का किला (प्राचीन नाम - बिका की टेकरी)
  • लालगढ़ पैलेस
  • देवी कुंड सागर
  • लोक देवता बिग्गाजी का मेला
  • गंगा गोल्डन जुबली संग्रहालय
  • रामपुरिया हवेली
  • शिव बाड़ी मंदिर
  • सांडेश्वर जैन मंदिरगजनेर वन्यजीव अभयारण्य
  • सौंथी
  • डोडा थोरा


बीकानेर जिले के तथ्य | Bikaner GK Questions

  • कोलायत झील किस जिले में स्थित है - बीकानेर जिले में।
  • लूणकरणसर झील किस जिले में स्थित है - बीकानेर जिले में।
  • गजनेर झील किस जिले में स्थित है - बीकानेर जिले में।
  • उत्तरी राजस्थान की एकमात्र खारे पानी की झील कौन सी है - लूणकरणसर झील, बीकानेर।
  • पानी का शुद्ध दर्पण के उपनाम से किस झील को जाना जाता है - गजनेर झील को।
  • शुष्क मरुस्थल का सुंदर उद्यान किस झील को कहा जाता है - कोलायत झील को।
  • बीकानेर की जीवन रेखा किस लिफ्ट नहर को कहा जाता है - कंवरसेन लिफ्ट नहर को।
  • बीकानेर के शासकों का राजतिलक कहां होता था - अनूप महल में।
  • बीकानेर जिले की पाकिस्तान के साथ लगने वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा की कुल लंबाई कितनी है : 168 किलोमीटर।
  • एशिया एवं देश की सबसे बड़ी ऊन की मंडी कहां स्थित है - बीकानेर में।
  • एशिया का प्रथम सोलर थर्मल पावर स्टेशन कहां स्थापित है - भैरूखेड़ा में 10 मेगावाट क्षमता का।
  • वायदा बाजार आयोग कहां स्थापित है - बीकानेर में।
  • राजस्थान का पहला गिद्धों के लिए कंजर्वेशन रिजर्व कहां स्थित है - जोहड़बीड़, बीकानेर में।
  • विश्व का सबसे बड़ा संयुक्त प्रशिक्षण सुविधा केंद्र कहां स्थापित है - बीकानेर में।
  • राजस्थान की सबसे बड़ी जेल कहां स्थित है - बीकानेर में।
  • न्यूनतम नदी वाला संभाग कौनसा है - बीकानेर संभाग।
  • देश एवं राजस्थान की निजी क्षेत्र की प्रथम लिग्नाइट आधारित विद्युत संयंत्र कहां स्थापित है - राणेरी, बीकानेर में।
  • देश एवं राजस्थान की पहली जैतून रिफाइनरी कहां स्थापित है - लूणकरणसर, बीकानेर में।
  • निजी क्षेत्र का सबसे बड़ी जोजोबा प्लांटेशन परियोजना कहां स्थापित है - झज्जर, बीकानेर में।
  • राजस्थान राज्य अभिलेखागार की स्थापना कहां की गई : 1966 में बीकानेर में।
  • पूंगल भेड़ अनुसंधान केंद्र कहां स्थापित है - बीकानेर में।
  • रामलाल, हसन और अली रजा चित्रकारों का त्रिगुट किस चित्र शैली से संबंधित है - बीकानेर चित्र शैली से।
  • बीकानेर प्रजा परिषद की स्थापना किसने की - रघुवर दयाल गोयल में 1942 में।
  • राजस्थान में मरुधरा बायोलॉजिकल पार्क कहां स्थित है - बीकानेर में।
  • राजस्थान के वे जिले जहां पर एक भी नदी नहीं गुजरती है - बीकानेर एवं चूरू।
  • बेर अनुसन्धान केंद्र कहाँ स्थापित है - बीकानेर में।
  • खजूर अनुसन्धान केंद्र कहाँ स्थापित है - बीकानेर में।

करणी माता का मंदिर, देशनोक


➯💟करणी माता को चूहों वाली देवी तथा बीकानेर के राठौड़ों व चारणों की  कुलदेवी कहा जाता है।
➯💟करणी माता का यह मंदिर देशनोक बीकानेर में स्थित है, इनका बचपन का नाम रिद्धि बाई था।
➯इस मंदिर में सफेद चूहे पाए जाते हैं, जिन्हें काबा कहा जाता है।इस मंदिर में काबा के दर्शन शुभ माने जाते हैं
➯करणी माता का मेला चेत्र व आश्विन के नवरात्र में भरता है।
➯करणी माता के मंदिर परिसर में सावन-भादो कड़ाइयाँ स्थित है।
➯💟नोट—सम्पूर्ण सफेद चूहों वाला माता का मन्दिर जोधपुर में है।
➯करणी माता का पुजारी-बीठू कहलाता है

■ मुकाम – तालवा, नोखा बीकानेर ——>
➯यह विश्नोई संप्रदाय का प्रमुख पवित्र तीर्थ स्थान है। यहां पर विश्नोई संप्रदाय के प्रवर्तक जांभोजी का समाधि स्थल है।
➯यहां जांभोजी ने 1526 ईस्वी में समाधि ली थी।
➯💟जाम्भोजी का वास्तविक नाम – धनराज था। इन्हें विष्णु के अवतार/गूंगा-गहला/पर्यावरण वैज्ञानिक आदि नामों से जाना जाता है।

■श्री कोलायत जी ——>
➯सांख्य दर्शन के प्रतिपादक कपिल मुनि की तपोभूमि श्री कोलायतजी का महत्व गंगा स्नान के बराबर माना जाता है।

■कतरियासर, बीकानेर——>
➯यहां पर जसनाथी संप्रदाय की प्रधान पीठ स्थित है। ➯जसनाथी संप्रदाय के सिद्ध द्वारा अग्नि नृत्य (अंगारा नृत्य) किया जाता है, जो बहुत ही प्रसिद्ध है।
➯अग्नि नृत्य इस सम्प्रदाय का  एक मात्र धार्मिक लोकनृत्य है।
➯अग्नि-नृत्य पुरुषों द्वारा नंगे पावों से अंगारों के ढ़ेर (धूणा) पर किया जाता है। इस नृत्य के दौरान फतेह-फतेह का नारा बोला जाता है।
➯इस नृत्य का उद्गम कतरियासर से हुआ तथा यह नृत्य सर्वाधिक अश्विन शुक्ल सप्तमी को होता है।
➯इस नृत्य का नृत्यकार नाचणिया कहलाता है। इस सम्प्रदाय का संत सिद्ध कहलाता है।

■सिंहथल—रामस्नेही सम्प्रदाय की पीठ, संस्थापक हरिदास जी।

■भांडासर के जैन मंदिर——>
➯भांडासर के जैन मंदिर में जैन धर्म के पांचवे तीर्थकर सुमतिनाथ की प्रतिमा विराजित है।
➯इस भव्य मंदिर का निर्माण भांडाशाह नामक ओसवाल महाजन ने 1468 में करवाना प्रारंभ किया था, जो 1514 ई.में पूर्ण हुआ था।
➯💟इस मंदिर के प्रथम मंजिल के निर्माण में पानी के स्थान पर घी का प्रयोग किया गया था इसलिए इस मंदिर को घी वाला मंदिर भी कहा जाता है।
➯इसे त्रिलोकदीपक प्रसाद के नाम से भी जाना जाता है।

■◆प्रमुख मेले और त्यौहार◆■
■लोक देवता बिग्गाजी का मेला——>
➯मुस्लिम लुटेरों से गायें छुड़ाते हुए लोक देवता बिग्गाजी जाट ने अपने प्राणों का बलिदान किया था।
➯बिग्गा गांव (बीकानेर) में प्रतिवर्ष 14 अक्टूबर को लोक देवता बिग्गाजी की याद में मेला भरता है। इनका जन्म रीडी गांव (बीकानेर) में जाट परिवार में हुआ। इनके पिता-राममोहन, माता- सुल्तानी थी।
➯बिग्गाजी को जाखड़ समाज के कुल देवता के रूप में पूजा जाता है।

■श्री  कोलायत जी मेला—->
➯यहां पर कार्तिक पूर्णिमा को प्रसिद्ध मेला भरता है। यहां पर कपिल मुनि का मंदिर भी स्थित है।

■ कला सँस्कृति—->
■बीकानेर चित्रशैली –  इस शैली का स्वर्णकाल अनूपसिंह का शासनकाल कहलाता है। इस शैली के चित्रकार चित्र बनाकर उसके नीचे अपना नाम व तिथि का अंकन करते थे।  अतः कलाकार उस्ताद कहलाये।
■रामलाल, हसन और अली रजा चित्रकारों का त्रिगुट बीकानेर चित्रशैली से सम्बंधित है।

■💟बीकानेर की मथैरण कला तथा उस्ताकला विश्व भर में प्रसिद्ध है।

■उस्तां कला—ऊँट की खाल पर स्वर्ण मीनाकारी। पद्म श्री हिजामुद्दीन उस्तां के प्रसिद्ध कलाकार है।

■◆बीकानेर की झीलें ◆■
■◆मीठे पानी की झीलें ◆■
■कोलायत झील——>
➯यह एक मीठे पानी की प्राकृतिक झील है। यहां पर प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा (नवम्बर) को महर्षि कपिल मुनि का प्रसिद्ध मेला भरता है।
➯💟कोलायत झील को ‘शुष्क मरुस्थल का सुंदर उद्यान’ के नाम से भी जाना जाता है।
➯यह झील NH-15 पर स्थित है। यहां नहाने के लिए अनेक घाट बने हुए है जिनके चारों और पीपल के पेड़ लगे हुए है।
➯💟 इस झील के किनारे पर सांख्य दर्शन के प्रणेता कपिलमुनि का आश्रम है। जिसे मारवाड़ का सुन्दर मरु उद्यान कहते हैं।
➯प्राचीन मान्यता के अनुसार कपिलमुनि ने अपनी माता की मुक्ति के लिए यहाँ से ‘पाताल गंगा’ निकाली जिसे वर्तमान में कपिल सरोवर कहते हैं। यहाँ पर कार्तिक पूर्णिमा को मेला लगता है। इस अवसर पर इस झील में दीपदान करने की धारणा है।
➯करणी माता का दत्तक पुत्र लखन (गोद लिया हुआ) इस झील में डूब गया था इसके कारण चारण जाति के लोग आज भी यहाँ नहीं जाते हैं।

■गजनेर झील, बीकानेर——>
➯💟इस झील को “पानी का शुद्ध दर्पण” के उपनाम से भी जाना जाता है।
➯यह झील बीकानेर के गजनेर में जंगल के अंदर स्थित है। इसके किनारे गजनेर पैलेस भी स्थित है। यह पैलेस महाराज गंगासिंह द्वारा लाल बलुआ पत्थर से बनवाया गया है। यह झील भी मीठे पानी की झील है।

■लूणकरणसर झील, बीकानेर——>
➯यह झील लूणकरणसर, बीकानेर में स्थित है। यह झील उत्तरी राजस्थान की एकमात्र खारे पानी की झील है।

■ प्रमुख खनिज——->
◆बीकानेर में कोयला के प्रसिद्ध  स्थल पलाना-(लिग्नाइट की सर्वोत्तम किस्म), बरसिंहपुरा, गुराहा प्रसिद्ध है

◆जिप्सम हेतु-विसरासर, कोलायत, लूणकरण सर प्रसिद्ध है

◆जिप्सम की सबसे बड़ी खान-विसरासर बीकानेर में है

      ■◆बीकानेर के प्रसिद्ध व्यक्तित्व◆■

■पृथ्वीराज राठौड़ ——–>
➯💟राव कल्याणमल का छोटे भाई ‘पीथल’ एवं ‘डिंगल का हैरौस’ के नाम से जाना जाता है। इनकी रचना बेलि किसन रुक्मणी री ख्यात, गंगा लहरी, गंगाजी का दूहा।
➯‘बेलिक्रिसन रूक्मणी री ख्यात’ ग्रन्थ के दो पात्र पीथल व पाथल है। [पीथल—स्वयं, पाथल—प्रताप]
➯इस ग्रन्थ की रचना अकबर के समय डिंगल भाषा (उत्तरी मारवाड़ी) में गागरोण दुर्ग में हुई थी।
➯टॉड ने इस ग्रन्थ को पढ़कर कहा कि शायद प्रताप ने अकबर की अधीनता स्वीकार की।
➯💟दुरसा आढ़ा ने इस ग्रन्थ को 5वां वेद व 19वां पुराण बताया था।
➯डॉ. तैस्सीतोरी ने इसे ‘डिंगल का हैरोस’ कहा था।

■कुंवर जसवंत सिंह ——>
➯राजस्थान की प्रथम विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता।

■महाराजा गंगासिंह – ——–>
➯💟इन्हें आधुनिक भारत का भागीरथ कहा जाता है, गंगनहर लाने का श्रेय इन्हें प्राप्त है।
➯गंगनहर का निर्माण 1922-27 ई. में हुआ। यह नहर पंजाब के हुसैनीवाला जिले से सतलज नदी से निकाली गई है।
➯यह राजस्थान की सबसे प्राचीन नहर है। इस नहर का उद्घाटन लॉर्ड इरविन ने किया था।

■कंवरसेन ——–>
➯ये मूलतः बीकानेर जिले के थे।
➯इंदिरा गाँधी नहर का जनक कंवरसेन को कहा जाता है।
➯इन्हें पदम्भूषण से सम्मानित किया गया। ये   पद्मभूषण से सम्मानित होने वाले राजस्थान से प्रथम व्यक्ति है-1956ई.

■राजस्थान की प्रथम महिला जिला कलेक्टर-ओटिमा बोर्डिया।

■कुंवर जसवन्त सिंह——->
➯💟राजस्थान की प्रथम विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता (निर्दलीय उम्मीदवार)

■डॉ. करणी सिंह——->
➯💟सर्वश्रेष्ठ निशानेबाज, 1961 में अर्जुन पुरस्कार प्राप्त करने वाले प्रथम राजस्थानी।

■बीकानेर की मांड गायिकी अल्ला जिलाई बाई——->
➯इनके गीत-केसरिया बालम पधारो म्हारे देश को 1982 में पद्मश्री से नवाजा गया।

■◆बीकानेर के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न/तथ्य◆■
■💟ऊंट महोत्सव – जनवरी-फरवरी माह में बीकानेर में आयोजित किया जाता है। राज्य सरकार ने 30 जून, 2014 को ऊंट को राज्य पशु (पालतू) घोषित किया  था।

■राष्ट्रीय ऊँट अनुसंधान केन्द्र-जोहड़बीड़, जो एशिया का प्रथम ऊँट अनुसंधान केन्द्र है।

■खजूर अनुसंधान-बीकानेर में  है।

■निजी क्षेत्र की सबसे बड़ी जोजोबा प्लांटेशन परियोजना-झज्झर बीकानेर में है।

■सामरिक महत्त्व का भूमिगत हवाई अड्डा-नाल

■💟मरुत्रिकोण में जोधपुर, जैसलमेर, बीकानेर जिले आते है

■B.S.F. का नया सीमान्त मुख्यालय-बीकानेर  में है

■एशिया का सबसे बड़ा युद्धाभ्यास केन्द्र-बीकानेर में है

■राजस्थान भाषा साहित्य, संस्कृति अकादमी-1983 में बीकानेर में स्थापित है, राजस्थानी भाषा की जागती-जोत पत्रिका का संपादन यहीं से होता है।

■💟राजस्थान में प्रथम वायदा बाजार आयोग -बीकानेर में है

■💟मथेरण कला बीकानेर की लोककला है।

■पूंगल नस्ल की भेड़े बीकानेर की प्रसिद्ध हैं।

■कूंपी—ऊँट के चमड़े से निर्मित एक विशेष जलपात्र बीकानेर में बनता है।

■💟दूधवा खारा आन्दोलन बीकानेर रियासत से सम्बन्धित है, वर्तमान में दूधवा खारा चूरू में है।

■गंगासिंह ने 1912 में सर्वप्रथम प्रतिनिधि सभा का गठन किया

■💟राजस्थान राज्य अभिलेखागार संस्थान-बीकानेर, स्थापना-1955

■💟एशिया की सबसे बड़ी ऊन की मण्डी-बीकानेर  में है

■बीकानेर की प्रमुख झीलें में कोलायत झील, गजनेर झील, अनुपसागर झील, सूरसागर झील, लूणकरणसर झील इत्यादि है

■बीकानेर में स्थित गजनेर अभ्यारण्य जंगली  तीतरों के लिए प्रसिद्ध है।

■जूनागढ़ दुर्ग के मुख्य द्वार(पूर्वी द्वार) को कर्णपोल  कहा जाता है तथा पश्चिमी द्वार को चांदपोल कहा जाता है।

■अनूप महल – इसका निर्माण अनूपसिंह द्वारा  करवाया गया था।  इस महल में ही बीकानेर के  शासकों का राजतिलक होता था।  इस इमारत में सोने की कलम से काम किया हुआ है।

■इंदिरा गाँधी नहर की चार लिफ्ट नहरें बीकानेर में है- बांगड़सर लिफ्ट नहर (वीर तेजाजी), गजनेर (पन्नालाल बारूपाल), कोलायत (करणीसिंह), लूणकरणसर (कंवर सेन)।

■💟कंवरसेन लिफ्ट नहर को बीकानेर की जीवन रेखा भी कहा जाता है।

■गंगा निवास पब्लिक पार्क—इसका उद्घाटन वायसराय लार्ड हार्डिंग्स ने सन् 1915 में करवाया।

■गंगा गोल्डन जुबली संग्रहालय—5 नवम्बर 1937 को गंगा सिंह की स्वर्ण जयंती पर स्थापना हुई। इसकी स्थापना लार्ड लिनलिथगो ने की, इसे बीकानेर संग्रहालय भी कहते हैं।

■करणी संग्रहालय—जूनागढ़ किले में है

■सार्दुल संग्रहालय—लालगढ़ महल में है

■बीकानेर की पाकिस्तान के साथ लगने वाली अंतर्राष्ट्रीय सीमा की कुल लम्बाई 168 किलोमीटर  है।

■💟एशिया एवं  देश की सबसे बड़ी ऊन मंडी बीकानेर में स्थित है।

■💟देश व राजस्थान की पहली  जैतून रिफाइनरी – लूणकरणसर (बीकानेर) में स्थित है।

■एशिया का प्रथम सोलर थर्मल पॉवर स्टेशन – 10 मेगावाट क्षमता का बहरूखेड़ा (बीकानेर ) में स्थित है।

■राजस्थान का पहला गिद्धों के लिए कंजर्वेशन रिजर्व  – जोहड़बीड़ में स्थित है।

■💟देश व राज्य में निजी क्षेत्र का प्रथम लिग्नाइट आधारित विधुत संयंत्र –  राणेरी, बीकानेर में स्थित है।

■💟देश व राज्य की प्रथम कैमल मिल्क डेयरी बीकानेर में स्थापित है।

■राजस्थान की सबसे बड़ी जेल बीकानेर में स्थित है।

■स्वामी केशवानंद कृषि विश्वविद्यालय – 1987 में बीकानेर में स्थापित ( राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय के नाम से स्थापित, 28 जुलाई 2010  को वर्तमान नाम दिया गया )

■पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय – 13 मई, 2010 को स्थापित ( राज्य का प्रथम पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय नाम से स्थापित )

■महाराजा गंगासिंह बीकानेर विश्वविद्यालय – 1 जून, 2003 को बीकानेर विश्वविद्यालय के नाम से स्थापित, वर्तमान नाम 10 जनवरी 2009 को किया गया।

■बेर अनुसन्धान केंद्र एवं खजूर अनुसन्धान केंद्र  बीकानेर में स्थित है।

■राजस्थान राज्य अभिलेखाकार 1966 ई.में बीकानेर में स्थापित।

■राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी  1983 में बीकानेर में स्थापित।

■💟बीकानेर एवं चूरू एकमात्र ऐसे जिले है जहाँ से होकर एक भी नदी नहीं गुजरती है।

■गजनेर वन्य जीव अभ्यारण्य – यह अभ्यारण्य बटबड़ पक्षी जिसे रेत का तीतर/इम्पीरियल सेंड ग्राउन्ज भी कहते है व जंगली सूअर के लिए प्रसिद्ध हैं।

■राजस्थान में मरुधरा बायोलॉजिकल पार्क बीकानेर में स्थित है।

■पूंगल भेड़वंश – इसका उत्पति स्थल पूंगल तहसील बीकानेर है। इसका अनुसन्धान केंद्र बीकानेर में स्थित है।

■बीकानेर की भुजिया-पापड़ का नमकीन स्वाद विश्व भर में प्रसिद्ध है।

■💟लूणकरणसर को मूंगफली उत्पादन के कारण राजस्थान का राजकोट भी कहा जाता है।

■💟बीकानेर प्रजामण्डल  की स्थापना कोलकत्ता में सन 1936 में मघाराम वैध ने की थी।

■💟बीकानेर प्रजा परिषद की स्थापना 1942 में रघुवर दयाल गोयल द्वारा की गयी थी।



व्यक्ति विशेष

✪ राव बीका - इन्होनें 1465 में जांगल प्रदेश को जीतकर 1488 में बीकानेर की स्थापना की।
✪ करण सिंह - इनके काल में 1644 में इतिहास प्रसिद्ध मतीरे की राड़ हुई, जिसे इन्होने नागौर के शासक अमरसिंह से जीता।

✪ करणी माता - देशनोक में इनका प्रसिद्ध मंदिर है। इन्हें बीकानेर के  शासको की आराध्य देवी माना जाता है। ये चुहो वाली माता के नाम से भी जानी जाती है। इन्होने देशनोक की स्थापना की थी।  इनके मंदिर में पाए जाने वाले चुहे काबे कहलाते है।
 ✪ कपिल मुनि - कोलायत में सांख्यिकी दर्शन के प्रणेता कपिल मुनि का आश्रम स्थित है। 
✪ कांता खतुरिया - ये राजस्थान लोक सेवा आयोग की पहली महिला सदस्य व पूर्व अध्यक्षा है।

✪ संदीप आचार्य - इन्होने इंडियन आयडल 2 का खिताब अपने नाम किया था।
✪ इलाही बख्श - इनके द्वारा बनाया गया महाराजा गंगासिंह का उस्ता चित्र UNO के कार्यालय में स्थित है।
✪ विमला कौशिक -यहां की विमला कौशिक पानी वाली बहन जी के नाम से जानी जाती है जिन्होने बुंद बुंद जल बचाने की जनजागृती गांव गांव मे जाकर फैलाई।
✪ मेजर राज्यवर्धन सिंह राठौड - जिन्होनें 28 वें आँलम्पिक खेलो मे रजत पदक जीता। ये राज्य के खेल मंत्री रह चुक है तथा केन्दीय मंत्री के रूप में भी सेवाएं दे चुकें है।

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