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Saturday, November 14, 2020

भारतीय दण्ड संहिता में धारा 376 क्या है

हेल्लो दोस्तों आपका स्वागत है आपकी अपनी वेबसाइट ज्ञान की लाइफ में, में दौलत शर्मा आज आपको इस पोस्ट में भारतीय दण्ड संहिता में धारा 376 क्या है के बारे मैं बतााऊं तो आप पोस्ट को लास्ट तक जरूर पढ़ना 

IPC क्या है/भारतीय दण्ड संहिता  क्या है?

भारतीय दंड संहिता को Indian Penal Code, भारतीय दंड विधान और उर्दू में ताज इरात-ए-हिन्द भी कहते हैं जो कि 1860 में बना था. आपने फिल्मों में देखा होगा कि कोर्ट में जज जब सजा सुनाते हैं तो कहते हैं कि ताज इरात-ए-हिन्द दफा 302 के तहत मौत की सजा दी जाती है. ये और कुछ नहीं बल्कि भारतीय दंड संहिता ही होती है और दफा का मतलब धारा या Section से होता है.


376 धारा क्यों लागू होती हैं

किसी भी महिला के साथ बलात्कार करने के आरोपी पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376 के तहत मुकदमा चलाया जाता है. किसी भी महिला से बलात्कार किया जाना भारतीय कानून के तहत गंभीर श्रेणी में आता है. इस अपराध को अंजाम देने वाले दोषी को कड़ी सजा का प्रावधान है. इस अपराध के लिये भारत दंड संहिता में धारा 376 के तहत सजा का प्रावधान है.

किसी भी महिला से बलात्कार किया जाना भारतीय कानून के तहत गंभीर श्रेणी में आता है। इस अपराध को अंजाम देने वाले दोषी को कड़ी सजा का प्रावधान है। इस अपराध के लिये भारत दंड संहिता में धारा 376 व 375 के तहत सजा का प्रावधान है। क्या है धारा 376 व 375 और क्या हैं इसके तहत सजा का प्रावधान आइए जानते हैं...

क्या है धारा 376

किसी भी महिला के साथ बलात्कार करने के आरोपी पर धारा 376 के तहत मुकदमा चलाया जाता है। जिसमें अपराध सिद्ध होने की दशा में दोषी को कम से कम पांच साल व अधिकतम 10 साल तक कड़ी सजा दिए जाने का प्रावधान है।

पत्नी से दुष्कर्म करने पर भी होगी सजा

यदि किसी व्यक्ति ने अपनी ही पत्नी के साथ दुष्कर्म किया है और उसकी आयु 12 वर्ष से कम नहीं है तो अरोपी को दो वर्ष तक की सजा हो सकती है या जुर्माना भी लगाया जा सकता है। कई मामलों में अदालत पर्याप्त और विशेष कारणों से सजा की अवधि को कम कर सकती है।

हर स्थिति में लागू होता है ये कानून

उपधारा(2) के अंतर्गत बताया गया है कि कोई पुलिस अधिकारी या लोक सेवक अपने पद और शासकीय शक्ति और स्थिति का फायदा उठाकर उसकी अभिरक्षा या उसकी अधीनस्थ महिला अधिकारी या कर्मचारी के साथ संभोग करेगा तो वो भी बलात्कार की श्रेणी में आएगा। यह कानून जेल, चिकित्सालय, राजकीय कार्यालयों बाल एवं महिला सुधार गृहों पर भी लागू होता है। दोषियों को कठोर कारावास की अधिकतम सजा हो सकती है। इन सभी आरोपों में दोषी पाए जाने वाले आरोपी को दस वर्ष से कम की सजा नहीं हो सकती है।

आइये जानते है 376 से सम्बंधित अन्य धाराएं:

376(क)

अलग रहने के दौरान किसी पुरुष द्वारा अपनी पत्नी के साथ संभोग करता है तो वो भी बलात्कार की श्रेणी में आता है। जिसके लिए दो वर्ष तक की सजा और जुर्माना देना पड़ेगा।

376(ख)

लोक सेवा द्वारा अपनी अभिरक्षा में किसी स्त्री के साथ संभोग करने की दशा में ये अपराध की श्रेणी में आएगा। जिसके लिए पांच वर्ष तक की जेल के साथ जुर्माना भी देना पड़ेगा।

376(ग)

जेल में अधिकारी द्वारा किसी महिला बंदी से संभोग करना भी बलात्कार की श्रेणी में आता है। जिसमें पांच साल तक की सजा का प्रावधान है।

376(घ)

अस्पताल के प्रबंधक या कर्मचारी आदि से किसी सदस्य द्वारा उस अस्पताल में किसी स्त्री के साथ संभोग करेगा तो वह तो वो भी बलात्कार की श्रेणी में आएगा। जिसकी सजा अवधि पांच साल तक हो सकती है।

आये दिन खबरों में रेप से सम्बंधित आती रहती है। महिलाओं की सुरक्षा और खुद के शोषण से बचाने के लिए हमें रेप से सम्बंधित कानून को जानना चाहिए। रेप से सम्बंधित कानूनों को जानने के बाद कोई भी महिला और पुरुष शोषण का शिकार होने से बच सकता है। इसलिए जरूरी है कि एक जिम्मेदार नागरिक के नाते हमें इन नियमों से अवगत रहना चाहिए।

किसी भी महिला से बलात्कार किया जाना भारतीय कानून के तहत गंभीर श्रेणी में आता है। इस अपराध को अंजाम देने वाले दोषी को कड़ी सजा का प्रावधान है। इस अपराध के लिये भारत दंड संहिता में धारा 376 के तहत सजा का प्रावधान है

किसी भी महिला के साथ बलात्कार करने के आरोपी पर धारा 376 के तहत मुकदमा चलाया जाता है। जिसमें अपराध सिद्ध होने की दशा में दोषी को कम से कम पांच साल व अधिकतम 10 साल तक कड़ी सजा दिए जाने का प्रावधान है।

376 धारा के बारे मैं current Affairs Questions

हरियाणा विधानसभा में दण्ड विधि (हरियाणा संशोधन) विधेयक को पारित किया गया जिसमें 12 वर्ष या उससे कम उम्र की बच्चियों से बलात्कार के दोषियों को फांसी देने की सजा का प्रावधान किया गया है. मध्यप्रदेश और राजस्थान के बाद हरियाणा तीसरा राज्य बन गया है जहां विधानसभा ने यौन अपराधों के दोषियों के लिए मौत की सजा के प्रावधान को स्वीकृति दी है. अपराध कानून( हरियाणा संशोधन) विधेयक, 2018 को संसदीय कार्य मंत्री राम बिलास शर्मा द्वारा सदन में पेश किया गया.किरण चौधरी ने पीड़ितों की उम्र का विचार किए बिना बलात्कार के सभी दोषियों के लिए फांसी की सजा और कड़ी सजा के प्रावधानों का सुझाव दिया.

धारा 376- एए को जोड़ा गया

विधेयक में “ दंड संहिता की धारा 376- ए के बाद धारा 376- एए को जोड़ा गया. ” धारा 376- एए के तहत 12 साल तक की बच्चियों से बलात्कार के मामले में फांसी की सजा या न्यूनतम 14 साल सश्रम कैद की सजा होगी जिसे बढ़ाकर उम्रकैद किया जा सकता है. दंड संहिता की धारा 376- डी के बाद धारा376 – डीए को भी जोड़ा गया है. धारा 376- डीए के तहत 12 साल तक की बच्ची से सामूहिक बलात्कार होता है तो समूह में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को बलात्कार का दोषी माना जाएगा और फांसी की सजा या न्यूनतम 20 वर्ष की सश्रम कैद दी जाएगी लेकिन इसे उम्रकैद में बदला जा सकता है. जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

मौजूदा कानून भी ज्यादा सख्त

विधेयक में अन्य यौन अपराधों से जुड़े मौजूदा कानूनों को भी ज्यादा सख्त करने का प्रावधान किया गया है. भारतीय दंड संहिता( आईपीसी) की धारा354 ( स्त्री का शील भंग करने के आशय से उसके खिलाफ हमला या आपराधिक बल का प्रयोग) के तहत न्यूनतम सजा दो साल होगी( पहले न्यूनतम सजा एक वर्ष थी) लेकिन इसे सात साल के लिए बढ़ाया जा सकता है( पहले पांच साल तक बढ़ाया जा सकता था).


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