तो हर हाल में वापस लिए
जाएंगे पीएम किसान सम्मान निधी
स्कीम के 6000 रुपये!
तो हर हाल में वापस लिए जाएंगे पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के 6000 रुपये!
फर्जीवाड़ा करके लिया गया पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम का पैसा बैंक अकाउंट से हर हाल में वापस लिया जाएगा, पढ़िए-कहां हुई सबसे बड़ी कार्रवाई, वसूले गए 61 करोड़ रुपये, निकाल दिए गए कर्मचारी.
तो हर हाल में वापस लिए जाएंगे पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के 6000 रुपये!~
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी किसान योजना में पहली बार बड़ा घोटाला आने के बाद सरकार सतर्क हो गई है. हम बात कर रहे हैं पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की, जिसके सिस्टम में सेंध लगाकर तमिलनाडु में करोड़ों रुपये निकाल लिए गए. इसके बाद सरकार ने सख्ती बढ़ा दी है. वहां पर अब तक 61 करोड़ रुपये वसूले गए हैं. इसलिए अगर गलत तरीके से पैसे ले रहे हैं तो संभल जाईए. सरकार का इशारा साफ है कि जो इसके हकदार नहीं हैं, उन्हें पैसा नहीं मिलेगा. अगर किसी तरह से लाभ ले लिया है तो उसे वापस लिया जाएगा.
गलत तरीके से लिया गया पैसा वापस न करने पर कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है. लापरवाही करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों पर भी एक्शन होगा. इस स्कीम के तहत अब तक 94 हजार करोड़ रुपये किसानों के बैंक अकाउंट में भेजे जा चुके हैं. कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार ने केंद्र के साथ विचार-विमर्श करके एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार कर प्रणाली को सुदृढ़ करने का काम शुरू किया है. हालांकि, सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि असली किसान परिवारों की पहचान करने की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है.
तो हर हाल में वापस लिए जाएंगे पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के 6000 रुपये!~
बड़े पैमाने पर फर्जी लाभार्थी~
>>तमिलनाडु में अब तक 5.95 लाख लाभार्थियों के अकाउंट की जांच की गई है, जिसमें से 5.38 लाख फर्जी निकले हैं. सोचिए गड़बड़ी कितने बड़े स्तर की है. अब संबंधित बैंकों के जरिए फर्जी लाभार्थियों के बैंक अकाउंट (Bank Account) में गई रकम को वसूला जा रहा है.
>> तमिलनाडु में 96 कांट्रैक्ट कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं हैं. अपात्र लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए जिम्मेदार पाए गए 34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है. 3 ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों तथा 5 सहायक कृषि अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है.
>>ये लोग पासवर्ड के दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार पाए गए थे. 13 जिलों में एफआईआर (FIR) दर्ज करके संविदा कर्मियों सहित 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
कैसे किया था घपला?
>>कुछ बेईमान लोगों ने स्कीम के तहत अपात्र व्यक्तियों की बड़ी संख्या में बुकिंग करने के लिए जिला अधिकारियों के लॉग-इन आईडी और पासवर्ड का दुरूपयोग किया था.
>>कृषि विभाग द्वारा रखे गए कांट्रैक्ट कर्मचारी भी इस गैरकानूनी कार्य में शामिल पाए गए थे. राज्य सरकार ने तत्काल जिला अधिकारियों के पासवर्ड को बदल दिया था.
>>ब्लॉक स्तरीय पीएम-किसान खातों एवं जिला स्तरीय पीएम-किसान लॉग-इन आईडी को निष्क्रिय कर दिया गया. ताकि फर्जीवाड़ा रुक जाए.
पीएम किसान स्कीम का लाभ किसे मिलेगा और किसे नहीं
मोदी सरकार ने सभी किसानों के लिए पीएम-किसान स्कीम लागू कर भले ही कर दी है लेकिन कुछ लोगों के लिए तो शर्तें लगाई ही गईं हैं. जिन लोगों के लिए कंडीशन लागू है वो यदि गलत तरीके से फायदा उठा रहे हैं तो आधार वेरीफिकेशन (Aadhar verification) में पता चल जाएगा. सभी 14.5 करोड़ किसान परिवार इसके लिए पात्र हैं. पति-पत्नी और 18 वर्ष तक की उम्र के बच्चों को एक इकाई माना जाएगा. जिन लोगों के नाम 1 फरवरी 2019 तक लैंड रिकॉर्ड में पाया जाएगा वही इसके हकदार होंगे.
तो हर हाल में वापस लिए जाएंगे पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के 6000 रुपये!~
एमपी, एमएलए, मंत्री और मेयर को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही वो किसानी भी करते हों. यदि इन्होंने आवेदन किया है तो पैसा नहीं आएगा. मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर केंद्र या राज्य सरकार में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को लाभ नहीं मिलेगा. यदि ऐसे लोगों ने लाभ लिया तो आधार अपने आप बता देगा.
पेशेवर, डॉक्टर, इंजीनियर, सीए, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा.इनकम टैक्स देने वालों और 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी लाभ से वंचित रखने का प्रावधान है. यदि किसी आयकर देने वाले ने स्कीम की दो किश्त ले भी ली है तो वो तीसरी बार में पकड़ा जाएगा. क्योंकि आधार वेरीफिकेशन हो रहा है.
तो हर हाल में वापस लिए जाएंगे पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के 6000 रुपये!~
PM Kisan Samman Nidhi: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना ((Pradhan Mantri Kisan Samman Nidhi Scheme) के तहत देश के किसानों को सालाना 6,000 रुपये अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं। जो कि हर तीन महीने में 2,000 रुपये कैश उनके अकाउंट में ट्रांसफर किए जाते हैं। कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान तमिलनाडु में अचानक किसानों की तादाद बढ़ गई। जिससे केंद्र सरकार चौकन्ना हो गई। सिस्टम में सेंध लगाकर करोड़ों रुपये निकाल लिए गए। सरकार की सख्ती से अब तक 61 करोड़ रुपये वसूले जा चुके हैं। लिहाजा अगर गलत तरीके से पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा लेते हैं, तो इतना तो निश्चित है कि रकम वापस वसूली जाएगी।
कर्मचारियों की मिली भगत से हुआ फर्जीवाड़ा
पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत के अब तक 94 हजार करोड़ रुपये किसानों के बैंक अकाउंट में भेजे जा चुके हैं। तमिलनाडु में अब तक 5.95 लाख लाभार्थियों के अकाउंट की जांच की गई है, जिसमें से 5.38 लाख फर्जी निकले हैं। अब संबंधित बैंकों के जरिए फर्जी लाभार्थियों के बैंक अकाउंट (Bank Account) में गई रकम को वसूला जा रहा है। राज्य में 96 कांट्रैक्ट कर्मचारियों की सर्विस खत्म कर दी गई है। अपात्र लाभार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए जिम्मेदार पाए गए 34 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की गई है। 3 ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों और 5 सहायक कृषि अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है। ये लोग पासवर्ड के दुरुपयोग के लिए जिम्मेदार पाए गए थे। 13 जिलों में FIR दर्ज करके संविदा कर्मियों सहित 52 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ किसे नहीं मिलेगा
पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ प्रोफेशनल डॉक्टर, इंजीनियर, CA, वकील, आर्किटेक्ट, जो कहीं खेती भी करता हो उसे लाभ नहीं मिलेगा। इनकम टैक्स देने वालों और 10 हजार से अधिक पेंशन पाने वाले किसानों को भी लाभ से बाहर रखा गया है। अगर किसी टैक्सपेयर्स ने स्कीम की दो किस्तें भी ले ली तो वो तीसरी बार में पकड़ में आ जाएगा। क्योंकि आधार वेरीफिकेशन हो रहा है। इतना ही नहीं MP, MLA, मंत्री और मेयर को भी लाभ नहीं दिया जाएगा, भले ही वो किसानी भी करते हों। गर उन्होंने अप्लाई कर दिया तो पैसे नहीं आएंगे। मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर केंद्र या राज्य सरकार में किसी भी अधिकारी या कर्मचारियों को लाभ नहीं मिलेगा।
तो हर हाल में वापस लिए जाएंगे पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के 6000 रुपये!~
पीएम किसान सम्मान निधि योजना में धांधली रोकने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार की ओर से राज्यों को आदेश दिया है कि 5 पर्सेंट लाभार्थियों का फिजिकल वेरिफिकेशन किया जाए ताकि ऐसे लोगों की पहचान हो सके, जो बिना पात्रता के ही लाभ ले रहे हैं। यह वेरिफिकेशन रैंडमली होना है। तमिलनाडु, असम और उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बड़े पैमाने पर अपात्र लाभार्थियों के लिस्ट में शामिल होने का मामला सामने आया है। तमिलनाडु में 5 लाख से ज्यादा ऐसे लोगों के खाते में स्कीम की रकम ट्रांसफर हुई है, जो इसके पात्र ही नहीं थे। 110 करोड़ रुपये के इस घोटाले की अब सीबीसीआईडी जांच कर रही है और ट्रांसफर हुई रकम रिकवरी की जा रही है।
इसके अलावा असम में 9 लाख से ज्यादा अपात्र लाभार्थी पाए गए हैं। इस स्कीम के नियमों में पहले ही रैंडम सैंपलिंग के तहत वेरिफिकेशन की प्रक्रिया की बात शामिल है, लेकिन अब केंद्र सरकार ने धांधली को देखते हुए नए सिरे से फिजिकल वेरिफिकेशन की बात कही है। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने राज्यों को आदेश दिया है कि 5 फीसदी लाभार्थियों का वेरिफिकेशन कर यह पता लगाया जाए कि स्कीम की रकम सही लोगों तक जा रही है या नहीं।
तो हर हाल में वापस लिए जाएंगे पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम के 6000 रुपये!~
बता दें कि इस स्कीम के तहत ऐसे लोग लाभ नहीं ले सकते, जिनके परिवार में कोई भी सदस्य इनकम टैक्स अदा करता हो। इसके अलावा रिटायर्ड एवं मौजूदा सरकारी कर्मचारी भी इसके दायरे में नहीं आते। हालांकि ऐसे किसान इसके दायरे में हैं, जो चतुर्थ श्रेणी की सरकारी नौकरी कर रहे हैं। यही नहीं 10,000 रुपये से ज्यादा की पेंशन पाने वाले लोग भी इस योजना में शामिल नहीं किए जा सकते। पीएम किसान योजना का लाभ ऐसे लोगों को भी नहीं मिल सकता, जो अपनी भूमि का इस्तेमाल खेती की बजाय किसी और चीज में कर रहे हों।
घर-घर जाकर होगी लाभार्थियों की जांच: कृषि मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि कैग की ओर से इस योजना का ऑडिट किया जा रहा है। हमने राज्यों से पेमेंट डिटेल देने को कहा है। उन्हें 5 फीसदी लाभार्थियों का फिजिकल वेरिफिकेशन करने को भी कहा गया है कि ताकि पता लग सके कि कहीं पैसा गलत व्यक्ति के पास तो नहीं जा रहा है। राज्य सरकारें किसी भी लाभार्थी का चुनाव कर उसके घर जाकर तथ्यों की जांच कर सकती हैं।
9 करोड़ से ज्यादा किसानों को मिली छठी किस्त: बता दें कि पीएम किसान योजना के तहत केंद्र सरकार साल भर में 2,000 रुपये की तीन किस्तों में किसानों को 6,000 रुपये की रकम देती है। फिलहाल अगस्त से नंवबर के दौरान इस स्कीम की छठी किस्त किसानों को ट्रांसफऱ की जा रही है। अब तक 9 करोड़ से ज्यादा किसानों को छठी किस्त का लाभ मिल चुका है। इसके अलावा दिसंबर से मार्च 2021 तक सातवीं किस्त ट्रांसफर की जाएगी। नरेंद्र मोदी सरकार ने दिसंबर, 2018 में इस स्कीम को लॉन्च किया था।
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