चूरू जिला दर्शन
परिचय➥ चूरू की स्थापना 1620 में चुहड़ा जाट द्वारा करवाया गया।
➥ यह सबसे कम वनक्षेत्र वाला जिला है।
➥ चुरू किले को दुश्मनो पर चांदी के गोले दागने के कारण जाना जाता है। ➥ इस जिले में कोई नदी नही है।➥ यहां की कोठारी हवेली में 6 मन्जिले है व 1100 दरवाजे तथा खिड़कियां है। ➥ यहां के दुधवाखारा मे प्रसिद्ध किसान आन्दोलन हुआ था। ➥ यहां एक धर्मस्तूप है जिसे सभी सर्वधर्म स्वभाव का प्रतीक मानते है। ➥ इसकी योजना स्वामी गोपालदास ने बनायी थी। ➥ चूरू मे जसनाथ जी सम्प्रदाय का अग्नि नृत्य बहुत प्रसिद्ध है। ➥ सुजानगढ का बंधेज कार्य उन्नत अवस्था में है। ➥ लाडनूं का साका व चूनरी प्रसिद्ध है।
➥ यह सबसे कम वनक्षेत्र वाला जिला है।
➥ चुरू किले को दुश्मनो पर चांदी के गोले दागने के कारण जाना जाता है।
स्थान विशेष
✱ साहवा- यह एक पवित्र गुरूद्वारा है जिसमे कार्तिक मास की पूर्णिमा को मेला लगता है। यह स्थान गुरूनानक देव जी व गुरू गोविन्द देव जी के आने एवं रहने से सम्बंध रखता है।
✱ सालासर- मोहनदास जी द्वारा निर्मित इस सालासर बालाजी मंदिर को पुरे राज्य मे सबसे बड़ा आस्था का स्थल माना जाता है। यहां पर राज्य का प्रथम सहकारी क्षेत्र का महिला मिनी बैंक खोला गया है।
✱ ददरेवा- यह गोगाजी महाराज का जन्म स्थल है। यहां पर शीर्ष मेड़ी है।
✱ स्यानण का मंदिर- यहां पर 300 मीटर उंची एक पहाड़ी जिसे स्यानण की डूंगरी कहा जाता है पर काली माता का विशाल मंदिर है जिसका निर्माण 10वीं सदी में हर्षनाथ के साथ ही हुआ है।
✱ वैंकटेश्वर मंदिर, सुजानगढ- भारत के तिरूपति बालाजी मंदिर की अनुमति से बनाए गए इस मंदिर मे भिति चित्रो के माध्यम से भगवान विष्णु के दसो अवतारो को भीतरी भागो में दर्शाया गया है। यहां पर पंच धातुओ से बनी मुर्तियां प्रतिष्ठित की गई है।✱ तारानगर- यहां पर भभूता सिद्ध जी का मेला लगता है।
✱ गोपालपुरा- इसे द्रोणपुर के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस गांव को द्रोणाचार्य ने बसाया था।
✱ तालछापर- तालछापर वन्य जीव अभ्यारण्य व झील है जो काले हरिणो व कुरंजा पक्षी की शरण स्थली है। यह क्षेत्र काले हरिणो की घटती संख्या व पानी की कमी के कारण चर्चित स्थल है। तालछापर झील एक खारे पानी की झील है।
⏩ आर.टी.डी.सी. होटल- चिरमी
⏩ मुख्य हवेली- सुराणो की हवेली
⏩ सर्वाधिक क्षेत्रफल वाली फसले- चना व कुल दलहन
⏩ उद्योग- उन उद्योग की एक बड़ी इकाई वर्टेड स्पिनिंग मिल्स है।
⏩ खनिज- जिप्सम
⏩ उर्जा- सरदार शहर व चुरू में सौर उर्जा से विद्युत उत्पादन किया जाता है।
व्यक्ति विशेष
✪ श्री सुन्दर प्रसाद तथा श्री गौरीशंकर को कथक नृत्य में विशेष कार्य करने पर पदमश्री से सम्मानित किया जा चुका है।✪ कृष्णा पूनिया जो महिला डिस्कस थ्रो मे देश को अनेक मेडल दिला चुकी है इसी जिले की है।
✪ सुजानगढ में जन्मे प्रसिद्ध रचनाकार कन्हैयालाल सेठीया को 2004 में पद्मश्री प्राप्त हुआ है।
✪ विश्व के सबसे धनी व्यक्तियो मे से एक लक्ष्मीनिवास मितल भी यही के है जिन्हे 2008 में पद्म विभुषण से सम्मानित किया गया।
चुरू जिले के अन्य महत्त्वपूर्ण तथ्य →
राजस्थान का सर्वाधिक ठंडा व गर्म जिला चूरू।
सहकारी क्षेत्र का राज्य का प्रथम महिला मिनी बैंक-सालासर (चूरू) में है।
1930 में चांदमल बहड़ ने धर्मस्तूप नामक स्थान पर भारतीय स्वतन्त्रता का झण्डा फहराया था। धर्मस्तूप को लाल घण्टाघर भी कहते है।
प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल सुजानगढ़ (चूरू) निवासी है।
दूधवा खारा स्थान चूरू में है। दूधवा खारा किसान आंदोलन का नेतृत्व रघुवरदयाल गोयल, वैद्य मघाराम तथा हनुमानसिंह आर्य ने किया था।
राज्य में सबसे कम वन-चूरू में है।
गोयनका की हवेली चूरू में है।
कबूतरी नृत्य चूरू का प्रसिद्ध है।
चूरू में पीला पोमचा व औढ़नी की रंगाई होती है।
पालर पानी – राजस्थान का चूरू जिला वर्षा जल (पालर पानी) के संग्रहण हेतु अनूठी कार्ययोजना को क्रियान्वित करने वाला एकमात्र जिला है।
प्रोजेक्ट जलधारा – लक्ष्मी मित्तल ने राजगढ़ (सादुलपुर) कस्बे और 168 गाँवों में पीने का पानी लाने की योजना।
ओलमा – राजस्थानी भाषा के उत्थान व आंचलिक साहित्य को मुखर करती वह पत्रिका जो चूरू से सम्बन्धित है।
तारानगर – भित्ति चित्रों हेतु प्रसिद्ध तथा रामदेव जी का मेला भी लगता है।
■★राजस्थान जिला दर्शन:चूरू जिला ★■
■◆चूरू जिले का इतिहास——>
■चूरू जिले की स्थापना 1620 ई. में चूहड़ा या चूहरू नामक जाट ने की थी।
■💟चूरू जिले का दूधवा खारा नामक गांव किसान अांदोलनों के लिए प्रसिद्ध रहा है।
■स्वतंत्रता के समय चूरू जिला बीकानेर रियासत का भाग था।■1 नवम्बर 1956 में राजस्थान एकीकरण के दौरान चूरू को जिले का दर्जा दिया गया था।
■चूरू जिला राजस्थान के बीकानेर संभाग में आता है।
■ चूरू जिले की मानचित्र में स्थिति व विस्तार———->
➯अक्षांशीय स्थिति : 27°24′ से 29°0′ उत्तरी अक्षांश तक
➯देशांतरीय स्थिति :73°44′ से 75°41′ पूर्वी देशान्तर तक
■◆चूरू जिले की भौगोलिक स्थिति◆■
■चूरूजिले का क्षेत्रफल : 16830 वर्ग किलोमीटर।
■सन् 2011 की जनगणना के अनुसार चूरू जिले की जनसंख्या के आंकड़े——–>
■कुल जनसंख्या—20,39,547
➯पुरुष—10,51,446
➯स्त्री—9,88,101
■ दशकीय वृद्धि दर—20.3%
■लिंगानुपात—940
■ जनसंख्या घनत्व—147
■साक्षरता दर—66.8%
➯पुरुष साक्षरता—78.8%
➯महिला साक्षरता—54%
■पशुधन—>
➯पशुगणना 2012 के अनुसार चूरू जिले में कुल पशुधन संख्या 18,49,833 है।
■पशुघनत्व—->
➯पशुगणना 2012 के अनुसार चूरू जिले का पशु घनत्व 110 है।
चुरू जिले के प्रश्नोत्तर | Churu GK Questions
- राजस्थान का सर्वाधिक तापांतर वाला जिला कौन सा है - चूरू जिला
- राजस्थान का सर्वाधिक गर्म जिला एवं गर्म स्थान कौन सा है - चूरू
- राजस्थान का प्रथम सहकारी क्षेत्र का महिला मिनी बैंक कहां स्थित है - सालासर (चुरु) में।
- राजस्थान का सबसे कम वन क्षेत्र वाला जिला कौन सा है - चूरू।
- ताल छापर वन्यजीव अभयारण्य कहां स्थित है - चूरू में।
- राजस्थान का कौनसा जिला सर्दियों में सर्वाधिक ठंडा एवं गर्मियों में सर्वाधिक गर्म होता है - चूरू जिला।
- चंदन की मूर्तियों के काम के लिए कौन सा जिला प्रसिद्ध है - चूरू जिला।
- सबसे बड़ा आखेट निषिद्ध क्षेत्र संवत्सर कोटसर किस जिले में स्थित है - चूरु जिले में।
- गंधेली साहवा लिफ्ट नहर का दूसरा नाम क्या है - चौधरी कुंभाराम लिफ्ट नहर।
- नोहर साहवा लिफ्ट नहर से किस जिले को जल उपलब्ध होता है - चूरु जिले को।
- सिखों का सबसे बड़ा मेला कहां लगता है - साहवा, चूरू में।
- बिग्गाजी स्मारक कहां स्थित है - सुजानगढ़ (चूरू) में।
- चूरू की प्रमुख हवेलियां कौन सी है : सुराणा के हवामहल, मंत्रियों की मोती हवेली, रामविलास गोयंका की हवेली, दानचंद चोपड़ा की हवेली आदि।
Very nice
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